मुंबई। इस शुक्रवार, 10 फरवरी को रिलीज होने जा रही फिल्म जॉली एलएलबी 2 के विवाद में अब तक खामोश रहे सेंसर बोर्ड के चेयरमैन पहलाज निहलानी ने पहली बार इस केस में अपनी चुप्पी तोड़ते हुए मुंबई हाईकोर्ट पर सवाल उठाए हैं।
उनका कहना है कि अगर एक फिल्म को लेकर किसी अदालत को ही फैसले करने हैं, तो फिर सेंसर बोर्ड का क्या औचित्य रह जाता है। लगे हाथों पहलाज ने ये भी कहा कि वे अदालत का सम्मान करते हैं और उनके आदेशानुसार, सेंसर बोर्ड ने फिल्म के लिए नया सार्टिफिकेट भी जारी कर दिया है।
पहलाज ने एक बार फिर दोहराया कि सेंसर बोर्ड ने अपने दिशा निर्देशों के मुताबिक, इस फिल्म को देखा और सेंसर बोर्ड को इस फिल्म में ऐसी कोई बात नहीं लगी, जिसे आपत्तिजनक माना जाए। इसके बाद भी जब मामला कोर्ट में गया औेर हाईकोर्ट ने चार सीनों को कट करने के बाद नया सार्टिफिकेट जारी करने को कहा, तो हमने बिना वक्त गंवाए इस आदेश का पालन किया।
पहलाज ने इशारों में कहा कि वे इस मामले को केंद्र सरकार के सामने रखने पर विचार कर रहे हैं, ताकि आगे कभी ऐसी कोई स्थिति पैदा न हो। उन्होंने उम्मीद जाहिर की है कि केंद्र सरकार इस मामले को देखेगी और इस बारे में कोई फैसला करेगी।
हाई कोर्ट के फैसले के बाद बॉलीवुड में भी सेंसर बोर्ड के औचित्य को लेकर सवाल होने लगे थे और हाईकोर्ट के आदेश को एक गंभीर मामला माना गया था। महेश भट्ट और गिल्ड के प्रमुख उनके भाई मुकेश भट्ट ने खास तौर पर ये मुद्दा उठाते हुए सेंसर बोर्ड से इसे लेकर सफाई देने को कहा था।
अब पहलाज के बयान से सेंसर बोर्ड का रुख साफ हो गया है। ये सारा मामला मुंबई के एक वकील द्वारा मुंबई हाईकोर्ट में दायर एक याचिका से हुआ, जिसमें उन्होंने फिल्म जॉली एलएलबी 2 के प्रोमो के आने पर इसमें कानून व्यवस्था की अवमानना का आरोप लगाया था।
हाईकोर्ट ने इस याचिका पर तीन वकीलों का पैनल बना दिया, जिनको फिल्म देखकर रिपोर्ट अदालत में जमा करने का आदेश हुआ। उस वक्त तक सेंसर से फिल्म पास नहीं हुई थी। अदालत ने सेंसर बोर्ड से इस बाबत कोई पक्ष रखने को नहीं कहा।
इस बीच हाईकोर्ट द्वारा तीन वकीलों का पैनल बनाने के फैसले को फिल्म की प्रोडक्शन कंपनी स्टार फॉक्स ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए पैनल को खारिज की। सुप्रीम कोर्ट ने ये बात नहीं मानी और केस वापस हाईकोर्ट भेज दिया। इस बीच सेंसर बोर्ड ने बिना किसी कट के फिल्म को पास कर दिया।
हाईकोर्ट ने वकीलों के पैनल की रिपोर्ट के आधार पर चार सीन कट करने का आदेश दिया। हाईकोर्ट के आदेश को स्वीकार करते हुए स्टार फॉक्स ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी याचिका वापस ले ली और हाईकोर्ट के आदेश पर चार सीनों के कट के पास सेंसर बोर्ड ने फिल्म के लिए नया सार्टिफिकेट जारी कर दिया।