ग्वादर। पाकिस्तान के अशांत ब्लूचिस्तान प्रांत में स्थित ग्वादर बंदरगाह से आज चीन के दो मालवाहक वाणिज्यिक जलपोत कंटेनरों को लेकर बांग्लादेश, श्रीलंका, संयुक्त अरब अमीरात और यूरोपीय संघ के लिए रवाना हुए।
ग्वादर बंदरगाह रणनीतिक लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है और 46 अरब डॉलर की चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीइसी) के तहत इसका उन्नयन किया गया है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने दक्षिण पश्चिम ब्लूचिस्तान स्थित इस शहर से संचालन गतिविधियों की शुरुआत का आज उद्घाटन किया।
कल बलूचिस्तान में एक सूफी दरगाह पर आइएसआइएस के आत्मघाती दस्ते के हमले में 52 लोगों की जान चली गयी और 100 से अधिक घायल हो गए। सेना प्रमुख लैफ्टिनेंट जनरल राहील शरीफ सहित अनेक गणमान्य लोग इस मौके पर उपस्थित थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि एक सपना सच हुआ है। उन्नत किये गये ग्वादर बंदरगाह से संचालन शुरू होने के साथ ही अरबों डाॅलर की चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीइसी) परियोजना का पहला चरण शुरू हो गया। इसके तहत पश्चिम चीन को पाकिस्तान से होते हुए अरब सागर से जोड़ा जाना है। 46 अरब डॉलर के निवेश से बनने वाली सीपीइसी परियोजना पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से होकर गुजरेगी।
इसको लेकर भारत में चिंता है। शरीफ ने चीन के मालवाहक पोत की रवानगी के मौके पर इसे पाकिस्तान और समूचे क्षेत्र के इतिहास में महत्वपूर्ण दिन बताया। उन्होंने कहा कि यह बंदरगाह न केवल चीन, दक्षिण एशिया और मध्य एशिया के लिए प्रमुख व्यापार बिंदु होगा बल्कि इस क्षेत्र के निवेशकों के लिए अवसर भी पेश करता है और उन्हें एक साथ जोड़ता भी है। शरीफ ने कहा, ‘‘सीपीइसी और इसके तहत आने वाली सभी परियोजनाएं समय पर पूरी हों इसके लिए हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।’