चंडीगढ़। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि पाकिस्तान की पूरी ताकत भारत में आतंकवाद तथा आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने में लग रही है।
चंडीगढ़ में उत्तर भारतीय समाचार पत्रों के संपादकों की दो दिवसीय कांफ्रेस का यहां सोमवार को उद्घाटन करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि आज पाकिस्तान की हालत यह है कि उन्हें आतंकियों और स्वतंत्रता सेनानियों के बीच के फर्क का अहसास नहीं है।
सीमा सुरक्षा के मुद्दे पर बोलते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय सेना हर चुनौती से निपटने में सक्षम है। गृहमंत्रालय द्वारा नियमित रूप से भारत-पाक सीमाओं की सुरक्षा का रिव्यू किया जा रहा है।
राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान पर प्रयोजित आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि पाकिस्तान को बिना किसी देरी के आतंक की फैक्टरी बंद करनी चाहिए। इससे किसी का भला नहीं हो सकता है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान आतंक समाप्त करने के लिए आगे आए तो भारत भी मदद के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि भारत को पाकिस्तान की जनता से नफरत नहीं है लेकिन पाक प्रयोजित आतंकवाद को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि भारत का राष्ट्रीय सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने की दिशा में केंद्र सरकार कई अहम कदम उठा रही है। इस दिशा में भारत को साइबर क्राइम के क्षेत्र में भी मजबूत किया जा रहा है।
गृहमंत्री ने बताया कि सुरक्षा के मुद्दे पर केंद्र सरकार ने देश के सभी सीमावर्ती राज्यों से सुझाव मांगे हैं। राज्यों के सुझाव के बाद ही एक संयुक्त नीति तैयार की जाएगी।
देश की पाकिस्तान व चीन सीमा अतिसंवेदनशील
राजनाथ सिंह ने सीमा सुरक्षा के मुद्दे पर कहा कि भारत दक्षिण एशिया का अकेला ऐसा देश है जो छह देशों की सीमाओं से घिरा हुआ है।
गृहमंत्री ने कहा कि भारत की भूटान व नेपाल सीमा जहां शांत हैं वहीं बांग्लादेश व म्यांमार की सीमा पर अनियमित तौर पर असामाजिक गतिविधियां होती रहती हैं। इसके उलट चीन व पाकिस्तान की सीमाएं अति संवेदनशील हैं।
राजनाथ सिंह ने वर्ष 2012 से लेकर अब तक हुई घुसपैठ की घटनाओं का ब्योरा पेश करते हुए कहा कि सीमा पार की आतंकी गतिविधियों में पहले के मुकाबले कमी आई है लेकिन देश की संवेदनशील सीमाओं को शांत बनाया जाना जरूरी है।
गृहमंत्री ने कहा कि मौजूदा सरकार और देश के लिए सीमा सुरक्षा सबसे बड़ा मुद्दा है। उन्होंने बताया कि मधुकर गुप्ता कमेटी की रिपोर्ट आ चुकी है। जिसके आधार पर गृहमंत्रालय ने भारत-पाक सीमा सुरक्षा की दिशा में एक्शन प्लान भी तैयार कर लिया है।
गृहमंत्री ने दावा किया कि वर्ष 2018 तक भारत-पाक सीमा पर सुरक्षा की दृष्टि से सभी कदम उठा लिए जाएंगे और दो वर्षों में पाकिस्तान की तरफ से भारतीय सीमाएं पूरी तरह से सुरक्षित होंगी।
सिंह ने भारत-चीन संबंधों को लेकर चल रही अटकलों पर विराम लगाते हुए कहा है कि भारत व चीन के बीच संबंध पहले के मुकाबले न केवल बेहतर हैं बल्कि कई मामलों में दोनों देशों की एक राय है।
उन्होंने वर्ष 2012 व 2014 की तुलनात्मक रिपोर्ट के आधार पर बताया कि इस अवधि के दौरान चीन की सीमा की तरफ से घुसपैठ की घटनाओं में कमी आई है।
उन्होंने पाकिस्तान को आतंक का प्रर्याय देश करार देते हुए कहा कि आज पाकिस्तान कई मामलों में असुरक्षित व परेशान मुल्क है। पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को अपनी स्टेट पॉलिसी का हिस्सा बनाए जाने से पूरे विश्व में इसकी किरकरी हो रही है।
गृहमंत्रालय के निर्देशों पर खाली हुए थे सीमावर्ती गांव
सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पंजाब के गावों को खाली करवाए जाने को लेकर छिड़े विवाद पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने विराम लगा दिया।
गृहमंत्री ने साफ किया है कि पंजाब के सीमावर्ती गावों को गृहमंत्रालय के निर्देशों के बाद ही खाली करवाया गया था। इस संबंध में कुछ राजनैतिक दलों द्वारा उठाए जा रहे सवाल बेबुनियाद हैं।
सोमवार को यहां उत्तर भारतीय समाचार पत्रों के संपादकों को सम्बोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने फिर से दोहराया कि पंजाब में सीमा पार से ही नशीले पदार्थों की सप्लाई हो रही है। यह न केवल गंभीर चिंता का विषय है बल्कि इस दिशा में प्रभावी कदम भी उठाए जा रहे हैं।
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