इस्लामाबाद। भारत का नाम लिए बिना पाकिस्तान ने गुरुवार को कहा कि नेपाल से लापता पाकिस्तानी सेना के पूर्व अधिकारी को अगवा करने में ‘विदेशी खुफिया एजेंसियों’ का हाथ हो सकता है।
द डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक विदेश कार्यालय के प्रवक्ता नफीस जकरिया ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि लेफ्टिनेंट कर्नल हबीब जहीर को ‘नौकरी का प्रलोभन देकर’ नेपाल बुलाकर जाल में फंसाया गया।
जकरिया ने हालांकि जहीर के लापता होने को कूलभूषण जाधव मामले के साथ जोड़ने की मुखालफत की। जाधव को कथित तौर पर जासूसी व पाकिस्तान में विध्वंसक गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनाई है।
उन्होंने कहा कि भारत की तरफ से जाधव मामले को हबीब जहीर से जोड़ना सही नहीं होगा।जकरिया ने यह टिप्पणी भारतीय मीडिया की उन खबरों को लेकर की, जिसमें कहा गया है कि जहीर पाकिस्तान के उस दल का हिस्सा थे, जिसने जाधव को उठाया था।
पाकिस्तान ने कहा है कि जाधव को बलूचिस्तान में गिरफ्तार किया गया, जो रिसर्च एंड एनालिस विंग (रॉ) के लिए काम कर रहा था। जबकि भारत ने कहा है कि जाधव को ईरान से अगवा किया गया।
पाकिस्तान सेना से साल 2014 में सेवानिवृत्त जहीर बीते छह अप्रैल से नेपाल के लुंबिनी से लापता हैं। जहीर को मार्क थॉम्पसन नामक किसी व्यक्ति ने नौकरी को प्रलोभन देकर नेपाल बुलाया था।
प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान के अंदरूनी मामलों में भारत की संलिप्तता तथा देश में आतंकवाद के प्रसार में भारत के प्रयास के स्पष्ट सबूत हैं।
जकरिया ने कहा कि पाकिस्तान के मामलों में दखलंदाजी करते हुए भारत को रंगे हाथ पकड़ा गया है। उन्होंने दावा किया कि भारत अतीत में भी पाकिस्तान के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप कर चुका है।