इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद की रिहाई को जायज ठहराते हुए कहा है कि इस्लामाबाद आतंकवादियों पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रतिबंधों को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है और इस संबंध में उसने कई कदम उठाए हैं।
भारत और अमरीका सईद को 2008 के मुंबई हमले का मुख्य आरोपी मानते हैं। जमात-उद-दावा के प्रमुख सईद की आतंकी गतिविधियों में भूमिका के लिए अमरीका ने उस पर एक करोड़ डॉलर इनाम रखा हुआ है। जिसे पाकिस्तानी अधिकारियों ने गुरुवार आधी रात लाहौर में रिहा कर दिया।
अदालत ने सईद को सबूतों के अभाव में नजरबंद करने की मियाद बढ़ाने की याचिका खारिज कर दी। सईद 30 जनवरी से नजरबंद था।
भारत सरकार ने सईद की रिहाई पर निशाना साधा और कहा कि यह फैसला दर्शाता है कि आतंकवादी कृत्यों में शामिल अपराधियों के साथ न्याय करने की पाकिस्तान की नीयत में गंभीरता का अभाव है।
भारत की प्रतिक्रिया के जवाब में पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैजल ने शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा कि पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 1267 प्रतिबंधों को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है और इस संबंध में कई कदम उठाए गए हैं।
उन्होंने कहा कि आतंकवाद, आतंकवादी हिंसा और आतंकवादियों के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तान का संकल्प, कार्रवाई और सफलता दुनिया में बेजोड़ है।
फैजल ने कहा कि पाकिस्तान किसी भी व्यक्ति या समूह द्वारा आतंकवाद के सभी प्रकारों की निंदा और विरोध करता है। देश, पाकिस्तान में और भारत समेत दुनियाभर में आतंकवाद का भी विरोध और निंदा करता है।
अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र ने सईद के जेयूडी को एक आतंकवादी समूह घोषित कर रखा है और इस पर एलईटी का एक प्रमुख संगठन होने का आरोप है। लश्कर पर आरोप है कि उसने मुंबई में हमला कर 166 भारतीयों और विदेशियों को मार डाला। संयुक्त राष्ट्र ने सुरक्षा परिषद संकल्प 1267 के तहत सईद को दिसंबर 2008 में आतंकवादी घोषित किया था।