नई दिल्ली। पाकिस्तानी से 35 साल पहले आकर भारत में बस चुकीं कमर मोहसिन शेख बीते 23 वर्षो से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राखी बांधती रही हैं और इस साल भी तमाम व्यस्तताओं से समय निकालकर जब मोदी ने उनसे राखी बंधवाई तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। शेख का कहना है कि वह आज जो कुछ हैं, मोदी की वजह से हैं।
अहमदाबाद में रह रहीं शेख सोमवार को दिल्ली पहुंचीं और प्रधानमंत्री मोदी को राखी बांधी। उनका कहना है कि वह बीते 23 साल से मोदी को इसी तरह राखी बांधती आ रही हैं।
विवाह के बाद पाकिस्तान से भारत आकर बस गईं शेख ने राजधानी दिल्ली में एक समाचार चैनल से कहा कि मैं पिछले 23 साल से नरेंद्र भाई को राखी बांधती आ रही हूं। मैं बेहद रोमांचित हूं कि इस बार भी उन्हें राखी बांध पाई।
लेकिन इस साल उनके लिए रक्षाबंधन इसलिए खास रहा, क्योंकि वह सोच रही थीं कि अति व्यस्तता के चलते प्रधानमंत्री मोदी शायद इस बार उनसे राखी न बंधवा पाएं।
शेख ने बताया कि लेकिन दो दिन पहले जब मुझे फोन आया और मैं हैरान रह गई। यह जानकर मुझे बेहद खुशी हुई और मैंने रक्षाबंधन की तैयारियां शुरू कर दीं।
उन्होंने बताया कि रक्षाबंधन की शुभकामना देने आए हर व्यक्ति और राखी बांधने आई हर महिला को मोदी कुछ सेकेंड का ही समय दे रहे थे, लेकिन मुझे हैरानी हुई और बेहद खुशी हुई कि उन्होंने मेरे साथ ज्यादा समय बिताया।
शेख ने कहा कि मैंने उनसे कहा कि आज मैं जो कुछ हूं, आपकी वजह से हूं। उन्होंने मेरे सिर पर हाथ रखकर मुझे आशीर्वाद दिया। उन्होंने मुझसे मेरे बेटे सुफियान और मेरे पति शेख का हाल चाल पूछा। मैं खुद को दुनिया की सबसे भाग्यशाली और खुशनसीब व्यक्ति महसूस कर रही हूं।
शेख ने बताया कि वह तब से मोदी को राखी बांधती आ रही हैं, जब वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यकर्ता थे।
उन्होंने कहा कि मैंने जब पहली बार नरेंद्र भाई को राखी बांधी थी, तब वह एक कार्यकर्ता थे, लेकिन अपनी कड़ी मेहनत और दूरदृष्टि के बल पर वह प्रधानमंत्री बने। हमारा रिश्ता आज 23 साल का हो गया। मैं प्रधानमंत्री मोदी की बहन बनकर गर्व महसूस कर रही हूं।
शेख ने बताया कि जब वह अपने भारतीय पति से विवाह कर भारत आईं तब वह डरी हुई थीं। उन्होंने आगे कहा कि लेकिन नरेंद्र भाई जैसा भाई पाकर जीवन सहज होता चला गया। उन्होंने मुझे कभी यह महसूस नहीं होने दिया कि मेरा कोई भाई नहीं है।
उनसे जब पूछा गया कि वह रक्षाबंधन पर मोदी से उपहार में क्या मांगना चाहेंगी तो उन्होंने कहा कि मुझे सिर्फ उनका आशीर्वाद चाहिए। मेरे लिए उनका आशीर्वाद सबसे बढ़कर है। उनका आशीर्वाद मेरे साथ है और इसीलिए आज मैं यहां हूं। मैं उन्हें हमेशा याद रखूंगी। मेरी हर सफलता के पीछे उनका हाथ है।