इस्लामाबाद। पाकिस्तानी संसद ने अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय को अपने विवाह पंजीकरण करवाने के फैसले से जुड़े हिंदू विवाह कानून पर होने वाला निर्णय आगामी 13 जुलाई तक टाल दिया है।
पाकिस्तानी संसद के कानून, न्याय और मानवाधिकार पर स्थायी समिति के अध्यक्ष चौधरी मुहम्मद बशीर विर्क ने बताया कि फैसला 13 जुलाई तक टाल दिया गया है। इसकी मंजूरी के बाद ही इसे संसद में पेश किया जाएगा। जानकारी हो कि हिन्दू समुदाय वर्ष 1947 से एक विवाह कानून के लिए संघर्ष कर रहा है।
इस मामले में दो प्रस्ताव संसद में लाये गए थे । इनमे से एक प्राइवेट मेंबर बिल के रूप में हिंदू मैरिज एक्ट 2014 और दूसरा कानून मंत्री परवेज राशिद ने हिंदू मैरिज एक्ट 2015 लाये थे। निजी बिल गत वर्ष विपक्षी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के सांसद रमेश लाल और सत्तारूढ़ पीएमएल-एन के दर्शन ने पेश किया था।
पीपीपी (पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ) के रमेश लाल के अनुसार लगता है इस मामले में सरकार श्रेय लेना चाहती है जबकि हमने प्रस्ताव बनाते समय उच्चत्तम न्यायालय के पूर्व न्यायधीश स्वर्गीय राणा भगवान दास से भी राय ली थी।
पाकिस्तान की संघीय सरकार हिंदू विवाह मामले को प्रांतीय विषय मानती है जबकि निजी बिल में इसे राष्ट्रीय मुद्दा माना गया है। अगर सरकारी बिल मंजूर होता है तो सभी प्रांतीय सरकारों को इसके लिए अलग से कानून बनाने पड़ेंगे। उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान में वर्ष 1998 के सर्वे के अनुसार 21,11,271 हिंदू हैं। यह कुल आबादी के 1.6 प्रतिशत हैं।