संयुक्त राष्ट्र। पाकिस्तान द्वारा कश्मीर मुद्दे का अंतर्राष्ट्रीयकरण करने के प्रयासों पर भारत द्वारा कई मौकों पर आपत्ति जताए जाने के बावजूद संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की स्थायी प्रतिनिधि मलीहा लोधी ने यहां एक बैठक में इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस तथा इस्लामिक सहयोग संगठन के दूतों के समक्ष यहां उठाया।
सूत्रों ने कहा कि सोमवार को बैठक के दौरान मलीहा ने गुटेरेस तथा ओआईसी से कश्मीर मुद्दे के ‘शांतिपूर्ण समाधान’ को प्राथमिकता देने की अपील की और कहा कि बढ़ते तनाव से क्षेत्रीय स्थिरता को खतरा है।
कश्मीर मुद्दे में गुटेरेस को शामिल करने के लिए लोधी तथा प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कई बार प्रयास किए हैं, लेकिन हर बार उनका प्रयास विफल रहा है।
गुटेरेस ने मुद्दे में शामिल होने को लेकर कोई खुली प्रतिक्रिया नहीं जताई है। उनके प्रवक्ता ने कहा है कि वह हालात पर नजर बनाए हुए हैं, लेकिन वह इससे ज्यादा कुछ नहीं कहेंगे कि दोनों पड़ोसी देश वार्ता के माध्यम से शांतिपूर्ण तरीके से मुद्दे का समाधान करें।
सूत्र के मुताबिक लोधी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र तथा ओआईसी ने अपनी विज्ञप्ति में यह स्वीकार किया है कि कश्मीर मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है।
साल 2016 में ओआईसी शिखर सम्मेलन की विज्ञप्ति में 57 सदस्यों वाले संगठन ने जम्मू एवं कश्मीर के लोगों के आत्म-निर्णय के अधिकार का समर्थन किया था।
भारत ने ओआईसी के बयान को चुनौती देते हुए कहा था कि उसे कश्मीर मुद्दे में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है, क्योंकि यह भारत का एक आंतरिक मामला है और कश्मीर के बारे में उसके बयान को ‘तथ्यात्मक रूप से गलत तथा भ्रामक’ करार दिया था।
पाकिस्तान द्वारा जारी बयान के मुताबिक शरीफ ने जनवरी में स्विट्जरलैंड के दावोस में विश्व आर्थिक मंच की बैठक के दौरान गुटेरेस से मुलाकात की थी और उनसे कहा था कि भारत तथा पाकिस्तान के बीच के मुद्दे क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए चिंतनीय हैं और इसके समाधान के लिए उसे ध्यान देने की जरूरत है।
लोधी ने जनवरी महीने में न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में गुटेरेस से मुलाकात की थी और उनसे भारत पर ‘नियंत्रण लगाने’ को कहा था। उन्होंने गुटेरेस को ‘पाकिस्तान के आंतरिक मामले में भारतीय हस्तक्षेप तथा उसके द्वारा प्रायोजित आतंकवाद’ का डोजियर सौंपने के साथ ही प्रधानमंत्री की विदेश नीति के सलाहकार सरताज अजीज का एक पत्र सौंपा था।