नई दिल्ली। भारत के विरुद्ध पाकिस्तानी जासूसी कांड ने बुधवार को एक नया मोड ले लिया जब पाकिस्तान ने अपने उच्चायोग से छह राजनयिकों को वापस बुलाया। ये सभी बुधवार को ही अपने देश वापस चले गए।
पहले अटकलें लगाई जा रही थी कि सम्भवतः पाकिस्तान चार राजनयिकों को वापस बुलाये। परंतु उन्होंने छह को भारत छोड़ देने के लिए कहा। इनमें तीन फ़ारूक़ हबीब, चीमा और सुहेल शाहिद वरिष्ठ राजनयिक हैं जबकि अन्य तीन कर्मचारी हैं।
यह सभी भारत विरोधी जासूसी कांड में लिप्त थे और इनके नाम रक्षा सम्बंधित दस्तावेजों के साथ 27 अक्टूबर को रंगे हाथों पकड़े गए पाकिस्तानी उच्चायोग के अधिकारी महमूद अख्तर ने भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को तीन घंटों की पूछताछ के दौरान बताए थे।
अख्तर को राजनयिक प्रतिरक्षा होने के कारण पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया था परंतु उसे 48 घंटों के भीतर भारत से चले जाने के लिए कहा गया था।
सूत्रों ने बताया इस जासूसी कांड में और लोगों के लिप्त होने की सम्भावना से इनकार नहीं किया जा सकता। विदेश और गृह मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी इस विषय में निरंतर आपसी संपर्क में हैं।
सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग के कुछ अधिकारियों को भी बदले की भावना से निष्कासित कर सकता है। अख्तर को निष्कासित करने के बाद पाकिस्तान ने भी भारतीय उचायोग से एक अधिकारी और उसके परिवार को 48 घंटों के भीतर देश से चले जाने को कहा था।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने अभी तक कोई प्रतिक्रया नहीं दी है। पाकिस्तान की ओर से भी अभी तक आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है।
सूत्रों ने कहा पाकिस्तान भी इस्लामाबाद में सिथ्त भारतीय उच्चायोग से पांच राजनयिकों को बदले में निष्कासित करने की तैयारी कर रहा है। परंतु अभी तक कोई भी निर्णय नहीं लिया गया है।
इस घटनाक्रम ने दोनों देशों के बीच संबंधों को एक नए मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया है और पाकिस्तान ने भारतीय उप-उच्चायुक्त जे पी सिंह को पिछले पांच दिनों में चार बार तलब किया है।
दोनों देशों की सेनाएं जम्मू और कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर आपस में भिड़ रही हैं और पाकिस्तानी सेनाएं संघर्ष विराम का लगातार उल्लंघन कर रही हैं।
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