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इस्लामाबाद। पाकिस्तान की संघीय सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति सेवानिवृत्त जनरल परवेज मुशर्रफ की राजद्रोह के मामले में मुकदमे का सामना करने के लिए अदालत में पेश होने की शर्तो को खारिज कर दिया है।
मुशर्रफ ने मामले की सुनवाई के दौरान सैन्य सुरक्षा प्रदान किए जाने और दुबई में सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने जैसी शर्ते रखी थीं।
‘डॉन’ की रिपोर्ट के मुताबिक संघीय सरकार ने बुधवार को तीन न्यायाधीशों की विशेष अदालत के समक्ष अपने जवाब में कहा कि राजद्रोह के आरोपी मुशर्रफ फरार हैं, इसलिए जब तक वह अदालत में समर्पण नहीं कर देते, तब तक उन्हें किसी प्रकार की राहत नहीं दी जा सकती।
जवाब में कहा गया कि एक भगोड़ा अदालत के समक्ष अपनी शर्ते नहीं रख सकता कि अपनी सहूलियत के मुताबिक कि वह कब और कितने समय के लिए अदालत में पेश होगा।
मुशर्रफ ने पांच मई को विशेष अदालत के समक्ष एक अर्जी दाखिल की थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह सैन्य सुरक्षा के तहत मुकदमे का सामना करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने साथ ही अदालत से यह आश्वासन भी मांगा था कि उन्हें सुरक्षित दुबई लौटने दिया जाएगा।
मामले के अपने प्रमुख अभियोजक मोहम्मद अकरम शेख के जरिए सरकार ने कहा कि मुकदमे को लंबा खींचने के लिए यह अर्जी दाखिल की गई है।
सरकार ने अदालत से मुशर्रफ की अर्जी रद्द करने और भगोड़े आरोपी को मुकदमे का सामना करने के लिए पेश होने के लिए सभी उपयुक्त कदम उठाने को कहा। विशेष अदालत में मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी।