अहमदाबाद। पाकिस्तान कराची जेल से 86 भारतीय मछुआरों को 21 मार्च को रिहा करेगा। उन्हें पाकिस्तान मैरीन सेक्यूरिटी एजेंसी पीएमएसए ने दोनों देशों के बीच की अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा का कथित उल्लंघन करने को लेकर पकड़ा था और वे पिछले करीब सालार से कराची की लांधी जेल में थे।
पाकिस्तान ने पहले घोषणा की थी कि वह 87 मछुआरों के अलावा 86 अन्य मछुआरों को भी रिहा करेगा। ये 87 मछुआरे सात मार्च को रिहा किए गए थे। वेरावल में गुजरात मात्स्यिकी विभाग के सहायक अधीक्षक विमल पांडा ने कहा कि कराची की लांधी जेल से 86 भारतीय मछुआरों के एक अन्य समूह को 21 मार्च को रिहा किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि 21 मार्च को रिहा किए जा रहे ये मछुआरे करीब साल भर पहले अरब सागर में उनकी नौकाओं के कथित रूप से भारत और पाकिस्तान के बीच की अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा के पार चले जाने के वजह से पीएमएसए द्वारा गिरफ्तार किए गए थे।
पांड्या ने बताया कि ये मछुआरे 22 मार्च को वाघा सीमा पहुंचेंगे और उन्हें गुजरात में अपने घर पहुंचने में दो दिन लगेंगे। इसी बीच नेशनल फिश वर्कर्स फोरम एनएफएफ सचिव मनीष लोढारी ने बताया कि इस संगठन को 18 मछुआरों की एक सूची मिली है, ये मछुआरे पिछले करीब तीन साल से पाकिस्तान की जेल में बंद हैं। जेल में बंद इन मछुआरों ने हाल ही रिहा किए गए मछुआरों के मार्फत चिट्ठी भेजकर अपनी रिहाई की मांग की है।
लोढारी ने कहा कि कैद की सजा पूरी होने के बाद भी 18 मछुआरे तीन साल से पाकिस्तान की जेल में हैं। उन्होंने अपना मामला उठाने का अनुरोध करते हुए हमें पत्र लिखा है और अपनी रिहाई के लिए मदद मांगी है। अब भी पाकिस्तान की जेलों में 400 से अधिक मछुआरे हैं।
पोरबंदर फिशरमन बोट एसोसिएशन के अध्यक्ष लोढारी ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था और जेल में बंद सभी भारतीय मछुआरों की रिहाई के लिए कोशिश शुरू करने की अपील की थी।