आप ने कभी सोचा भी नही होगा भारत में आतंकवादियों को विदेशों से किन किन तरीको से पैसा पहुंचाया जा रहा है इसको सुनकर आप दंग रह जाएंगे।
पुलिस और खुफिया एजेंसी सोचती हैं कि व्यापार में पैसे और सामान का लेन देन हो रहा है जबकि इसकी आड़ में पैसा आतंकियों तक पहुंचाया जाता है.
इस बात से किसी को जल्दी से यकीन भी नहीं होता है. की व्यापार में भारतीय पैसा आतंकियों तक पहुंचाया जा रहा है.
इस आतंकी खेल में पाकिस्तान पहले कैलीफोर्निया से बादाम खरीदता है और फिर उस बादाम को पाकिस्तान अपने यहां से कश्मीर भेजता है. अब आप सोच रहे होंगे कि इसमें पैसा आतंकवादियों को कैसे पहुंच गया. ये तो सीधा सीधा व्यापार है. क्योंकि पाकिस्तान भारत से केले और नारियल भी खरीदता है.
आतंकियों की फंडिग कैसे होती है:
भारत से पाकिस्तान को जो केले और नारियल भेजे जाते हैं वे जम्मू कश्मीर के रास्ते भेजे जाते हैं. अगर भारत से भेजे जाने वाले केले या नारियल के खेप 5 लाख रूपए की होती है तो पाकिस्तान व्यापारी को उसका 7 लाख रूपए देता है.
यह जो 2 लाख रूपए बढ़ाकर रकम दी जाती है यह पैसा पिछले दरवाजे से बाद में किसी तीसरे व्यक्ति को दे दिया जाता है, आतंकियों की फंडिग होती है.
दरअसल, नोटबंदी के बाद भारतीय एजेंसियां आतंकियों की फंडिग पर नजर रखे हुए थी. इस दौरान उनकी नजर भारत पाकिस्तान के व्यापार पर पड़ी तो उनका शक गहरा गया. जांच की तो पता चला कि इस कारोबार की आड़ में एक दूसरा ही गेम खेला जा रहा है. करोबार का कुछ पैसा थर्ड पार्टी ट्रेड और अंडर इन्वॉयसिंग के जरिए बड़े पैमाने पर आतंकियों तक भी जा रहा है.
एजेंसियों ने इसकी सूचना सरकार को दी तो मामला आतंकवाद और उसकी फंडिंग से जुड़ा होने के कारण केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यह मामला एनआईए को सौंप दिया है.
यूएपीए के तहत मामला दर्ज कर इसकी जांच की जा रही है. बताया जात है कि पिछले 8 वर्षों में सलामाबाद और उड़ी व्यापार पोस्ट के बीच 21000 करोड़ का कारोबार हुआ. जबकि चकन दा बाग और पुंछ व्यापार पोस्ट के बीच 6700 करोड़ रुपये का व्यवसाय हुआ.