नोएडा। जाने-माने गजल गायक गुलाम अली ने कहा है कि भारत में उनका विरोध सिर्फ राजनीतिक कारणों से होता है लेकिन विरोध करने वाले भी उनकी गजलें सुनना पसंद करते हैं।
अपने बेटे आमिर गुलाम अली के भसगल (एक गाने का एलबम)’नहीं मिलना’के लॉन्च के लिए यहां पहुंचे गुलाम अली ने कहा कि भारत में कुछ जगहों पर सिर्फ राजनीतिक कारणों से मेरा विरोध होता है लेकिन जो लोग मेरा विरोध करते हैं उन्हें भी मेरी गजलें सुनना पसंद हैं।
उन्होंने किसी का नाम लिए बिना कहा, कई बार ऐसा हुआ है कि किसी ने मेरा विरोध किया लेकिन बाद में फोन करके या मुलाकात होने पर मुझे खेद प्रकट किया।
गुलाम अली ने कहा संगीत को कोई सरहद नहीं बांध सकती और ये तो हर जर्रे में है और इसके चाहने वाले भी। आज के हाई-टेक दौर में आप कलाकार को रोक सकते है कला को नहीं।
उन्होंने कहा मैं 1980 से लगातार भारत आ रहा हूं और बीते 35-36 वर्षों में यहां इतना प्यार मिला है जिसे शब्दों में बयां करना आसन नहीं।
भारत की जनसंख्या पाकिस्तान से ज्यादा है और यहां मेरे चाहने वाले भी ज्यादा है। गजल गाने वालों की कम होती संख्या पर भचता जताते हुए उन्होंने कहा आज गजल गाने वाले नहीं सुनने वाले कम हो गए हैं।
लोग तेज आवाज वाले गाने की ओर बढ़ रहे हैं और मैं अपने स्तर पर इसे रोकने की कोशिश करता हूं लेकिन मुझे लगता है कि गायक, गीतकार, संगीतकार और संगीत से जुड़े तमाम लोगों को अच्छा संगीत देने की कोशिश करनी चाहिए। इस दौर के गीतकारों का ध्यान अंग्रेजी और दूसरी भाषाओं की ओर अधिक है।
उन्होंने कहा, गायक की अपनी पहचान होती है और मैं पिछले 60 वर्षों से गजल गा रहा हूं लेकिन आज तक मैने किसी और की गजल नहीं गायी। वो इसलिए कि मैं किसी और की गाई गजल को अपनी तरह गाकर उनकी गजल को बिगाडऩा नहीं चाहता।
बेटे आमिर के एलबम की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि इस एलबम से वह युवाओं को गजल से जोडने की काशिश कर रहे है और अगर आमिर अच्छा काम करेंगे तो लोग उन्हें भी ऐसे ही प्यार करेंगे।