वाराणसी। चर्चित वरिष्ठ पत्रकार तारेक फतेह ने कहा कि हिन्दुस्तान में हिन्दू-मुसलमान का हुआ है निकाह, इनके बीच नहीं हो सकता तलाक। कुछ ताकतें भले ही कितना भी प्रयास कर लें लेकिन हिन्दू-मुसलमान के बीच दूरियां नहीं बना सकते हैं।
शुक्रवार को काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के केएन उड़प्पा सभागार में आयोजित संगोष्ठी भारत दक्षिण एशिया समस्या व समाधान में फतेह बतौर मुख्य वक्ता उपस्थित लोगों को सम्बोधित कर रहे थे।
अपने परिचित अंदाज में उन्होंने मक्का पर कब्जे की बात उठाकर कहा कि हज करने वाले भी इस पर मौन हैं किन्तु सिन्ध प्रांत बलूचिस्तान की आजादी और भाषा पर प्रतिबंध को लेकर भी भारत में लोग चुप हैं। उन्होंने कहा कि जब तक सिन्ध नहीं है तो हिन्द नहीं है।
लोग गंगा-जमुनी तहजीब की बात करते हैं लेकिन सिन्ध को भूल जाते हैं। उन्होंने सिन्ध प्रान्त और बलूचिस्तान पर पाकिस्तान के दमनचक्र का हवाला देकर कहा कि जब तक हिन्दुस्तान में इनकी आजादी की बात नहीं उठेगी तब तक दक्षिण एशिया की समस्या का समाधान भी नहीं निकलेगा।
उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि पाकिस्तान की हरकतों को नजरअंदाज करना और उनसे संबंध सुधारने की पहल करना यहां की सरकार जब तक बंद नहीं करेगी तब तक हालत सुधरने वाले नहीं हैं।
कश्मीर के अलगाववादी नेताओं को एलओसी पार ढकेल कर भारत कूटनीतिक पहल के साथ पाकिस्तान से सिन्ध प्रान्त बलूचिस्तान को अलग नहीं करता, तब तक दक्षिण एशिया और कश्मीर की समस्या बनी रहेगी। यहां की सरकार को मुम्बई बम ब्लास्ट और पठानकोट हमले के बाद वहां जाने की जरूरत नहीं थी।
उन्होंने कहा कि आज हिन्दुस्तान में लोग प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू को गालियां देते हैं लेकिन पाकिस्तान के जिन्ना को कोई गाली नहीं देता। यहां तक कि यहां के नेता पाकिस्तान जाकर जिन्ना के मजार पर फूल भी चढ़ाते हैं।
देवबंद के मदरसों में अंग्रेजी में छपी पुस्तकों पर तंज कसते हुए कहा कि इन पुस्तकों में महमूद गजनवी को मॉडल माना गया है। जबकि भारत वर्ष में देवनागरी स्क्रिप्ट इतनी सशक्त है कि इसमें सब कुछ है इस स्क्रिप्ट का मजहब से कोई मतलब नहीं होता।
उन्होंने कहा कि मुगल बादशाह बाबर पर हमला बोलकर कहा कि किसी धर्म की मंदिर तोड़कर मस्जिद नहीं बनाया जा सकता इस्लाम भी इसे नहीं मानता। आज इस्लाम और कुरान में मौलानाओं की चल रही है।
बीवियों को तलाक देने का मौका मिले
इसके पूर्व पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि तीन तलाक मामले में बीवियों को भी तलाक देने का मौका मिले। 15-16 साल की लड़कियों से जबरन शादी कर शरीयत की बात करना कहां जायज है।
उत्तर प्रदेश चुनाव में मुस्लिम वोटों को लेकर चल रहे घेराबंदी पर कहा कि मुस्लिम कोई भेड़-बकरी नहीं है। गुजरात में तो मुसलमान भाजपा को और मोदी को वोट देते रहे हैं। अब हम जलील नहीं होने वाले हिन्दुस्तानी पढ़े-लिखे हैं। कहा कि इस देश में औरंगजेब नहीं दाराशिकोह के विचार धारा की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि आज के एक हजार साल बाद नई पीढ़ी के चलते भारत-पाकिस्तान निश्चित तौर पर एक होगा।
कार्यक्रम में ये रहे मौजूद
कार्यक्रम की अध्यक्षता हिन्दुस्थान समाचार न्यूज एजेंसी के संरक्षक और राज्य सभा सदस्य आरके सिन्हा ने की। संगोष्ठी में हिन्दुस्थान समाचार के प्रधान सम्पादक राकेश मंजुल, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय संगठन मंत्री आलोक, लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रो. मनोज दीक्षित ने भी सम्बोधित किया। अतिथियों का स्वागत राजनीति विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. कौशल किशोर मिश्र ने किया।