बीजिंग। शंघाई सहयोग संगठन के दावत समारोह में बुधवार को दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले को लाहौर के शालीमार गार्डेन के रूप में दिखाया गया। एक पाकिस्तानी अधिकारी ने इसे चूक माना है।
सत्रहवीं शताब्दी के स्मारक से सभी भारतीय प्रधानमंत्री स्वतंत्रता दिवस पर संबोधित करते आ रहे हैं। यह पाकिस्तान की झांकी में शामिल था, जिस पर शीर्षक लिखा था, ‘लाहौर में किला एवं शालीमार गार्डेन (1981)।’
झांकी में शामिल पाकिस्तानी महिला ने नाम न जाहिर करने पर कहा कि यह एक गड़बड़ी है। भारतीय व पाकिस्तानी दोस्त हैं। स्मारक पर भारतीय झंडा साफ तौर पर दिख रहा था। लाल किले का निर्माण मुगल शासक शाहजहां ने 17वीं शताब्दी में कराया था।
भारतीय राजनयिकों ने पाकिस्तानी समकक्षों की गलतियों की तरफ इशारा किया। इस समारोह में चीन के विदेश मंत्री वांग यी भी मौजूद थे।
यह दावत लीजेंडेल होटल बीजिंग के वर्सीलिस हॉल में आयोजित की गई, जिसमें एससीओ के महासचिव राशिद अलिमोव भी मौजूद थे।
चीन में भारत के राजदूत विजय गोखले और उनके पाकिस्तानी समकक्ष मसूद खालिद ने आपस में बातचीत की।
भारत और पाकिस्तान अस्ताना में वार्षिक शिखर सम्मेलन के दौरान एससीओ में शामिल हुए, जो बीते सप्ताह समाप्त हुआ। इस तरह अब एससीओ के सदस्यों की संख्या आठ हो गई है।