पाली। सार्वजनिक वितरण व्यवस्था में पारदर्शिता लाने के लिए पीओएस मशीन के माध्यम से वितरण की शुरुआत का राशन विक्रेताओं ने स्वागत किया है साथ ही मांग की है कि राशन विक्रेताओं की आजीविका सुनिश्चित करना भी सरकार का दायित्व है।
रविवार को पाली में राशन विक्रेता अपनी मांगों को लेकर करीब 800 विक्रेता जुलूस के रूप में कलक्ट्रेट पहुंचे। उनका कहना था कि राशन सामग्री वितरण के पारदर्शिता के कार्यक्रम को समुचित रुप से क्रियान्वयन में निम्नतम इकाई राशन विक्रेता ही होता है। इसके साथ ही उसके परिवार का पालन पोषण निर्भर है।
विक्रेताओं का कहना था कि बीते पचास से साठ वर्ष में किसी भी वार्षिक बजट में किसी भी राज्य सरकार ने राशन विक्रेता को लाभ देने वाली घोषणा नहीं की, जबकि बाकी हर वर्ग का बजट में पूरा ध्यान रखा जाता है। इस बार राशन विक्रेताओं ने भी अपनी मांगों के प्रति सरकार का ध्यान आकृष्ट करने के लिए कदम उठाए हैं।
राशन विक्रेता संघ की प्रमुख मांगे हैं
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के नियमानुसार किसी भी वस्तु की खरीद पर बिल दिया जाना आवश्यक है किन्तु पीओएस मशीन का भुगतान किए जाने पर भी बिल नहीं दिया गया।
पीओएस मशीन का गारंटी कार्ड मिले तथा जिला व तहसील स्तर पर इसके रिपेयर सेंटर की सुविधा उपलब्ध कराई जाए।
मशीन खराब होने पर या सर्वर डाउन होने पर अथवा नेट के अभाव में मशीन काम न कर रही हो तो समुचित वैकल्पिक व्यवस्था उपभोक्ताओं के हित में दी जाए।
महंगाई सूचकांक अनुसार उचित मूल्य दुकानदारों को अपना श्रमदान मन लगा कर कार्य करने की एवज में सूचनाओं के आधार पर वधवा आयोग की सिफारिश के अनुसार मासिक आय निश्चित रूप से कम से कम 25,000 रुपए सुनिश्चित की जाए।
आरटीआई के दुरुपयोग को रोका जाए माननीय उच्चतम न्यायालय के अपील क्रमांक सिविल अपील नंबर 9017 2013 के राज्य सूचना आयोग के फैसले पर सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के नियम 2 एच में सूचना के संबंध में उल्लेखित प्रावधानों के प्रयोग से राज्य के राशन विक्रेताओं को असामाजिक तत्वों के द्वारा ब्लैकमेल होने से बचाएं तथा दुकान को निलंबित नहीं किया जाए।
राजस्थान राज्य अधिकृत राशन विक्रेता संघ के पूर्व के आंदोलनों के माध्यम विधानसभा के घेराव से प्राप्त किए गए प्रावधानों पर वर्तमान सरकार द्वारा लगाई गई रोक को हटाया जाए जिसमें मृतक आश्रितों राशन की दुकान तुरंत प्रभाव से आवंटन का प्रावधान है।
सन् 1992 में जारी आदेश अनुसार गेहूं की एफओआर डिलीवरी तथा 2015 में जारी आदेश बीपीएल कार्ड पर वितरित होने वाली चीनी की एफओआर पूरे प्रदेश में समुचित रुप से तत्काल लागू की जाए।
शहरी क्षेत्र में नगरपरिषद, नगरपालिका, नजूल विभाग की खाचा भूमि उचित दर पर किस्तों में दुकानदार के कार्यक्षेत्र में उपलब्ध करवाई जाए ग्रामीण क्षेत्र में पंचायत द्वारा भूमि उपलब्ध कराई जाए।
वर्तमान में राशन सामग्री प्राप्त करने वाले उपभोक्ताओं की संख्या सीमित होने के कारण मासिक वितरण का पखवाडा दस दिवस के माह की बीस तारीख से माह के अंतिम तारीख तक ही रखा जाए।
नए राशन कार्डों उपभोक्ता की जानकारी को कार्ड बनाने वाली फर्मों द्वारा अधूरा छोड़ा गया गलत कार्ड बनाने वाली फर्मों को कोई सजा नहीं दी गई और परेशानी राशन विक्रेता को हो रही है।
कई उपभोक्ताओं के पास आधार कार्ड व भामाशाह कार्ड नहीं होने के कारण प्रसिद्ध शीडिंग संभव नहीं है फिर भी शीडिंग कार्य में प्रदेश के सभी राशन विक्रेता पूरा सहयोग कर रहे हैं जिनके कारण राशन विक्रेता को निलंबित नहीं किया जाए, जिन जिलों में निलंबित कर दिया गया है बहाल भी किया जाए।
नॉन पीडीएस वस्तुओं पर उचित मूल्य दुकानदार को दिया जाने वाला कमीशन काफी कम है।अधिक लागत है मुनाफा कम है। कमीशन बढाया जाए।