पाली। पाली शहर स्थित गीता सत्संग भवन में ब्रहमलीन श्रीश्री 1008 श्री रामानंदजी महाराज की पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित श्रीमदभगवत कथा में शनिवार को पंडित सुरेन्द्र कुमार शास्त्री ने भगवान श्रीेकृष्ण की बाललीलाओं का वर्णन किया।
श्रीकृष्ण की महिमा पूतना वध, धनेकासुर, तृणावत, शटकासुर आदि राक्षसों के उद्धार के प्रसंग सुनाए तो माहौल कृष्णभक्ति मय हो गया। कन्हैया ने माता यशोदा को मुंह में मिट्टी खाने के बहाने संपूर्ण ब्रहमांड के दर्शन कराए हैं। यशोदा मैया परमात्मा के दिव्य स्वरुप को स्वपान समझकर भूल जाती है।
मैया मोरी मैं नहिं माखन खायो। भगवान माखन भी खाते हैं और बहुत ही बुद्धिमत्ता से जबाव भी देते हैं। गोपियों के साथ लीला करते हैं। बचपन के दोस्त रैता पैसा मना मनसुखा के साथ की घटनाओं, अंगुली पर गोवर्धन पर्वत को उठााना, गोवर्धन पूजा, छप्पन भोग एवं भगवान इन्द्र के अभिमान को नष्ट करने के प्रसंग सुनाए।
अव सौंप दिया इस जीवन का सब भार तुम्हारे हाथों में जैसे भजनों पर श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गए। भगवान के लिए छप्पन भोग की झांकी सजायी गई। इस अवसर पर गीता सत्संग भवन के गादीपति स्वामी प्रेमानंद, स्वामी अंकुशपुरी, गागनदास छुगानी, जगन्नाथ शर्मा, रातजीवन तापडि़या, भंवरसिंह भाटी, श्याम शर्मा, सहित श्रद्धालु उपस्थित थे।