नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को संसद में इस बात के संकेत दिए कि कालाधन पर रोक लगाने के उद्देश्य सरकार एक नियम बनाने जा रही है। इस नियम के तहत दो लाख रुपए से अधिक का नकद लेन-देन करने वालों के लिए पैन नंबर देना अनिवार्य होगा।
जेटली अनुदान की अनुपूरक मांगों पर सदन में हुई चर्चा का जवाब दे रहे थे। राजस्व सचिव ने बताया कि पचास हजार रुपए से अधिक के होटल बिल के भुगतान या विदेश यात्रा के टिकट की खरीद के लिए एक जनवरी से पैन का उल्लेख अनिवार्य हो जाएगा।
उन्होंने बताया कि सरकार इस विचार पर काफी आगे बढ़ चुकी है कि अगर सौदों में नकद लेन-देन एक निश्चित सीमा से अधिक होता है तो (उसमें) पैन कार्ड का ब्योरा देने को अनिवार्य किया जाए।
उन्होंने कहा कि आयकर विभाग की निगरानी व्यवस्था को मजबूत बनाया गया है और सूचना प्राप्त करने तथा कर चोरी का पता लगाने के लिए प्रौद्योगिकी आधारित विश्लेषणात्मक उपकरण के उपयोग की उसकी क्षमता बढ़ाई गई है। जीएसटी का लागू होना इस दिशा में एक बड़ा कदम होगा।
जेटली का मानना है कि इससे सोना जैसी वस्तुओं में जहां निर्यातकों द्वारा इनकी प्रारंभिक खरीद सीमा शुल्क के भुगतान के साथ की जाती है, पर उसके बाद उनका अधिकांश क्रय-विक्रय नकद में किया जाता है, जिसका आसानी से पता लगाया जा सकता है।
वित्त वर्ष 2015-16 के बजट में वित्त मंत्री ने एक लाख से अधिक की खरीद-बिक्री पर पैन का जिक्र करने का प्रस्ताव किया था। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कालेधन का बड़ा हिस्सा अभी भारत में है, ऐसे में राष्ट्रीय रुख में बदलाव लाने की जरूरत है ताकि ‘प्लास्टिक करेंसी’ एक नियम बन जाए और नकदी लेन-देन अपवादस्वरूप हो और सरकार इस बदलाव को प्रोत्साहित करने के लिये विभिन्न प्राधिकरणों के साथ काम कर रही है।