इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ गुरुवार को अपने परिवार की संपत्ति से संबंधित पनामा पेपर्स मामले की जांच के लिए सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के अनुरूप संयुक्त जांच दल (जेआईटी) के समक्ष पेश हुए।
नवाज शरीफ ने कहा कि आज मैं केवल संयुक्त जांच दल (जेआईटी) के समक्ष अपना रुख प्रस्तुत करने के लिए पेश हुआ हूं। उन्होंने कहा कि उनकी संपत्तियों के स्रोतों की जानकारी पहले ही संबंधित अधिकारियों को सौंप दी गई है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की न्यायपालिका के लिए यह एक ऐतिहासिक दिन। मैं और मेरे पूरे परिवार ने जवाबदेही के लिए खुद को पेश किया है।
परिवार द्वारा तीसरी बार न्यायालय मेंपेश होने की बात कहते हुए नवाज ने कहा कि क्या मेरे अलावा पाकिस्तान का कोई भी परिवार जवाबदेही के लिए पेश हुआ है?
नवाज ने जेआईटी के समक्ष अपना रुख रखते हुए कहा कि मेरे निजी व्यवसायों का संघीय राजकोष के साथ कुछ लेना-देना नहीं है और इससे कई फर्क नहीं पड़ता कि मेरे प्रतिद्वंदी कितने षड्यंत्र रचते हैं, वह सफल नहीं होंगे।
जेआईटी के समक्ष पेश होने से पहले उन्होंने वित्तमंत्री इसहाक दार, गृहमंत्री चौधरी निसार अली खान, रक्षामंत्री ख्वाजा आसिफ, उनके भाई और पंजाब के मुख्यमंत्री शहबाज शरीफ और अन्य वरिष्ठ सलाहकारों व निकट सहयोगियों से मुलाकात की।
शरीफ जांच दल के समक्ष पेश होने वाले पहले पाकिस्तानी प्रधानमंत्री हैं। जेआईटी अपनी कार्यवाही को फेडरल ज्यूडिशियल एकेडमी (एफजेए) में कर रहा है।
आठ जून को जेआईटी ने शरीफ को समन जारी कर गुरुवार को अपने समक्ष पेश होने का आदेश दिया था। जेआईटी ने 28 मई को प्रधानमंत्री के बड़े बेटे हुसैन नवाज से भी सवाल किए थे।
हुसैन अब तक जेआईटी के समक्ष पांच बार पेश हो चुके हैं। वहीं, नवाज के छोटे हेटे हसन भी जांच दल के समक्ष पेश हो चुके हैं।
पनामा पेपर्स मामले में 20 अप्रेल के अपने फैसले में सर्वोच्च न्यायालय ने जेआईटी का गठन किया था और प्रधानमंत्री, उनके पुत्रों और इस मामले से संबंधित किसी भी अन्य व्यक्ति को उस धनशोधन के आरोपों की जांच के लिए बुलाने का अधिकार दिया था, जिसके माध्यम से लंदन के पार्क लेन इलाके के चार अपार्टमेंट खरीदे गए थे।