इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ पनामा पेपर लीक में किए गए दावों की जांच उच्च अधिकार प्राप्त आयोग करेगा।
मंगलवार को मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश दिया। अदालत ने साफ किया कि आयोग के पास सुप्रीम कोर्ट की सारी शक्तियां होंगी।
समाचारपत्र डॉन के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की पीठ ने यह फैसला पाकिस्तान तहरीके इंसाफ (पीटीआई) पार्टी नेता इमरान खान की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। पीठ की अध्यक्षता प्रधान न्यायाधीश अनवर जहीर जमाली कर रहे हैं।
गौरतलब है कि इमरान खान ने याचिका में मांग की है कि प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनके रिश्तेदारों द्वारा कथित तौर पर विदेशी कंपनियों में भारी पैसे लगाने के पनामा पेपर लीक के दावों की जांच की जाए।
खंडपीठ ने कहा कि आयोग अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को देगा। आयोग की अध्यक्षता कौन करेगा और कौन-कौन इसके सदस्य होंगे, यह फैसला सुप्रीम कोर्ट ही करेगा। मामले की अगली सुनवाई 3 नवम्बर को होगी।
प्रधान न्यायाधीश जमाली ने दोनों पक्षों को संयम बरतने की सलाह दी और कहा कि पनामा पेपर लीक मामले ने पूरे देश को प्रभावित किया है। हमें देश को अशांति और संकट से बचाना है।
खंडपीठ के एक अन्य जज आसिफ सईद खोसला ने कहा कि इस तरह के विवादों के निपटारे के लिए सुप्रीम कोर्ट सर्वोच्च स्थान है।
इससे पहले मंगलवार को ही सुनवाई करते हुए पाकिस्तान तहरीके इंसाफ और पाकिस्तान मुस्लिम लोग (पीएमएल) को आदेश दिया था कि कि वे दो घंटे के अंदर लिखित में अपना पक्ष रखें कि आयोग के विचारार्थ विषय क्या हों।