इस्लामाबाद। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पनामा पेपर मामले में दोषी ठहराए जाने और प्रधानमंत्री पद के लिए अयोग्य करार दिए जाने के बाद नवाज शरीफ ने शुक्रवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। वहीं, पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) ने नवाज के छोटे भाई शहबाज शरीफ को अगला प्रधानमंत्री बनाने का फैसला किया है।
पांच न्यायाधीशों की एक पीठ ने नवाज शरीफ को एकमत से पद के लिए उस वक्त अयोग्य करार दिया, जब जांच समिति ने अदालत को शरीफ के बच्चों को विदेशी कंपनियों से जुड़ा बताया और यह दर्शाया कि उनकी संपत्ति उनकी वैध आय से काफी अधिक है।
पीठ में मौजूद एक न्यायाधीश एजाज अफजल खान ने कहा कि वह (शरीफ) अब संसद के एक ईमानदार सदस्य होने के काबिल नहीं हैं और प्रधानमंत्री पद पर बरकरार रहने का उनका अधिकार खत्म हो गया है।
पनामा पेपर मामले में बहुप्रतीक्षित फैसले से सत्ताधारी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) को जोरदार झटका लगा, जिसने कहा कि शरीफ के लिए सबकुछ खत्म नहीं हुआ है और वह उसके नेता बने रहेंगे।
लेकिन बेहद जल्द दिग्गज राजनीतिज्ञ प्रधानमंत्री के रूप में अपना तीसरा कार्यकाल पूरा कर रहे नवाज ने अपने पद से इस्तीफा देते हुए दावा किया कि सर्वोच्च न्यायालय के फैसले पर उन्हें बड़ा संदेह है।
बाद में, निर्वाचन आयोग ने शरीफ को नेशनल एसेंबली के लिए अयोग्य ठहराने को लेकर एक अधिसूचना जारी की। इस फैसले से विपक्षी खेमे में खुशी का माहौल है और उन्होंने सड़कों पर नाच-गा कर अपनी खुशी का इजहार किया और मिठाइयां बांटी।
अप्रेल 2016 का पनामा पेपर लीक यह खुलासा करता है कि शरीफ के तीनों बच्चों ने विदेशों में कंपनियां व संपत्तियां खरीद रखी हैं, जिन्हें उनके परिवार की संपत्ति के बयान में नहीं दर्शाया गया। इसका इस्तेमाल शायद लंदन सहित विदेशों में संपत्ति की खरीदारी के लिए किया गया।
शीर्ष अदालत ने शरीफ और उनके परिवार के खिलाफ मामले दर्ज करने के भी आदेश दिए हैं। पांच न्यायाधीशों की पीठ ने फैसला सुनाया कि शरीफ संसद और अदालत के प्रति ईमानदार नहीं रहे और वह प्रधानमंत्री पद पर बने रहने के योग्य नहीं हैं।
अटॉर्नी जनरल ने कहा कि पीठ ने शरीफ को जीवन भर के लिए अयोग्य करार दिया है। कार्यान्वयन पीठ के अध्यक्ष न्यायाधीश एजाज अफजल खान ने कहा कि संयुक्त जांच दल (जेआईटी) द्वारा एकत्रित सभी सबूतों को छह सप्ताह के भीतर एक जवाबदेही अदालत के पास भेजा जाएगा।
उन्होंने कहा कि मरियम नवाज (शरीफ की बेटी), कप्तान मुहम्मद सफदर (मरियम के पति), हसन और हुसैन नवाज (प्रधानमंत्री शरीफ के बेटों) के साथ-साथ प्रधानमंत्री शरीफ के खिलाफ मामलों पर कार्रवाई होनी चाहिए और 30 दिनों के भीतर कोई फैसला सुनाया जाएगा।
न्यायाधीश आसिफ सईद खोसा, न्यायाधीश गुलजार अहमद, न्यायाधीश शेख अजमत सईद, न्यायाधीश इजाजुल अहसान व न्यायाधीश एजाज अफजल खान की पांच न्यायाधीशों की पीठ ने इस्लामाबाद स्थित सर्वोच्च न्यायालय की अदालत संख्या-1 में फैसला सुनाया।
अदालत ने राष्ट्रपति ममनून हुसैन से भी आग्रह किया कि वह देश के मामलों का प्रभार अपने हाथों में ले लें। यह तीसरी बार है, जब नवाज शरीफ अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए हैं।
खंडपीठ ने वित्तमंत्री इशाक डार और नेशनल एसेम्बली के सदस्य कप्तान सफदर को भी पद के अयोग्य घोषित कर दिया। फैसले के बाद, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के नेता इमरान खान ने कहा कि शरीफ को अयोग्य ठहराने के साथ ही नए पाकिस्तान की नींव पड़ गई है।
पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का देश पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। शरीफ की बेटी मरियम नवाज ने ट्वीट किया कि आज का दिन सन् 2018 में नवाज की शानदार जीत का मार्ग प्रशस्त करेगा। वह रुकने वाले नहीं हैं। रोक सकते हो तो रोक लो!