पानीपत। हरियाणा के पानीपत की जिला अदालत ने गुरूवार को अब्दुल करीम टुंडा को एडिशन सेशन जज वेद प्रकाश सिरोही की अदालत में पेश किया गया। जहां पर कोर्ट ने उसे सबूतों के अभाव में बरी कर दिया।
गौरतलब है कि पानीपत में एक फरवरी 1997 को शाम पांच बजे रोडवेज बस स्टैंड पर एक निजी बस में बम ब्लास्ट हुआ था। जिसमें एक दस वर्षीय बालक समेत बीस लोग गंभीर रूप से घालय हो गए थे। दस वर्षीय बालक माडू ने दम तोड़ दिया था।
अब्दुल करीम टुंडा को इस ब्लास्ट में आरोपी बनाया गया था। मंगलवार को कोर्ट ने टुंडा के खिलाफ चल रहे इस केस में फैसला सुरक्षित रखते हुए गुरूवार को सुनवाई निर्धारित की था।
इसके बाद कोर्ट के आदेश पर टुंडा को मंगलवार को करनाल जेल भेज दिया गया। जहां पर बुधवार को टुंडा की सुबह के समय चाय पीते वक्त दो कैदियों से किसी बात पर बहस हो गई।
इस बहस में दोनों कैदियों ने टुंडा का गला दबाने का प्रयास किया। इसके बाद आननफानन में जेल प्रशासन टुंडा को लेकर करनाल ट्रामा सेंटर पहुंचा। जहां पर प्राथमिक उपचार के बाद उसे वापस जेल भेज दिया गया।
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