नई दिल्ली। नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत में अभिभावकों को स्कूल फीस का ‘झटका’ लगा है। राष्ट्रीय स्तर पर किए गए सर्वे के अनुसार ज्यादातर अभिभावकों ने कहा है कि उनके बच्चों के स्कूलों ने फीस में 11 से 20 प्रतिशत की वृद्धि की है।
कम्युनिटी सोशल मीडिया प्लेटफार्म लोकलसर्किल्स द्वारा कराए गए सर्वेक्षण में 15 प्रतिशत अभिभावकों का कहना है कि उनके स्कूलों ने फीस में 20 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि की है। सर्वे में कहा गया है कि कई स्कूलों में फीस वृद्धि काफी उंची रही है और देश में विभिन्न हिस्सों में अभिभावक इसके खिलाफ सड़कों पर उतरे हैं।
इसके अलावा अभिभावकों की शिकायत है कि स्कूलों ने सालाना शुल्कों में भी भारी वृद्धि कर दी है जो उचित नहीं है। देशभर में अभिभावक पिछले कुछ साल से स्कूल फीस वृद्धि को लेकर काफी चिंतित हैं। उनका कहना है कि उनकी सालाना आमदनी में बढ़ोतरी की तुलना में औसतन फीस वृद्धि अधिक उंची है।
इस सर्वे में 9,000 अभिभावकों आदि की राय ली गई। करीब 54 प्रतिशत अभिभावकों ने कहा कि उनके स्कूलों ने फीस में 11 से 20 प्रतिशत की वृद्धि की है। 15 प्रतिशत ने कहा कि फीस वृद्धि 20 प्रतिशत से अधिक है। 31 प्रतिशत का कहना था कि फीस वृद्धि शून्य से 10 प्रतिशत के बीच रही है।
हरियाणा, आंध्र प्रदेश, केरल, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, उत्तराखंड, झारखंड और गोवा के 75 प्रतिशत से अधिक अभिभावकों का कहना था कि उनके बच्चों की स्कूल फीस में 10 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है।
उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु तथा दिल्ली के 50 से 75 प्रतिशत अभिभावकों ने कहा कि फीस वृद्धि 10 प्रतिशत से अधिक हुई है।
सिर्फ दो राज्य गुजरात और बिहार के अभिभावकों ने कहा कि ज्यादातर स्कूलों द्वारा की गई फीस वृद्धि 10 प्रतिशत से कम रही है।