नई दिल्ली। संसद ने सोमवार को विमान अपहरण विरोधी विधेयक पारित कर दिया। इस विधेयक में विमान अपहरण करने वाले के लिए मृत्युदंड का प्रावधान है यदि उसके अपहरण से किसी व्यक्ति अथवा सुरक्षाकर्मी की मृत्यु हो जाए।
इस विधेयक में आरोपियों के विरुद्द आजीवन कारावास और चल-अचल संपत्ति को ज़ब्त करने का भी प्रावधान है। यह विधेयक 982 के विधेयक को और सुदृढ़ बनाएगा। इसे 17 दिसंबर 2014 को नागरिक उड्डयन मंत्री अशोक गजपति राजू द्वारा राज्य सभा में लाया गया था।
यह 5 मई को राज्य सभा में पारित हो गया और लोक सभा ने इसे सोमवार को पारित किया।मंत्री ने अपने उत्तर में कहा कि इस विधेयक में ‘विमान अपहरण’ की परिभाषा को बढ़ा दिया गया है और दण्डों को भी अधिक कठोर बनाया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार आकाश में सुरक्षा को और सुदृढ़ बनाएगी।
इस नए क़ानून के अंतर्गत केंद्र सरकार केंद्रीय जांच एजेंसी (नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी–एन आई ए) अथवा किसी उच्च अधिकारी को जांच, गिरफ्तारी और अभियोजन की शक्तियां प्रदान करेगी।
इस विधेयक में यह भी प्रावधान है कि आरोपी ज़मानत या बांड पर तब तक रिहा नहीं होगा जब तक अदालत संतुष्ट नहीं होगी कि आरोपी विश्वास करने योग्य है या निर्दोष है और उसके जमानत के दौरान कोई अपराध करने की संभावना नहीं है।