लखनऊ। 1947 में हुआ भारत का विभाजन स्थाई नहीं है। यह कृत्रिम विभाजन है। एक दिन भारत अखण्ड जरूर होगा। इसके लिए दृढ़ इच्छा शक्ति की जरूरत है। यह बातें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पूर्वी उत्तर प्रदेश के क्षेत्र प्रचारक शिव नारायण ने रविवार को कही।
वह लखनऊ के डीएवी डिग्री कालेज में अखण्ड भारत संकल्प दिवस के मौके पर 14 अगस्त को आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
इस मौके पर उन्होंने कहा क भारत का विभाजन उस समय नेताओं की ऐतिहासिक भूल का परिणाम है। महात्मा गांधी कहते रहे कि भारत का विभाजन हमारी लाश पर होगा पर अंत में उन्हें झुकना पड़ा।
एक तरफ देश की जनता आजादी मांग रही थी तो वहीं कुछ स्वार्थी राजनीतिज्ञ प्रधानमंत्री की कुर्सी को लेकर जोड़तोड़ में लगे थे। शिवनारायण ने कहा कि हम आजाद तो हो गये लेकिन हमें खण्डित आजादी मिली। अंग्रेजों ने जाते-जाते भारत के दो टुकड़े कर दिए। विभाजन को हमारे नेता रोक नहीं सके।
क्षेत्र प्रचारक ने कहा कि 14 अगस्त तक भारत अखण्ड था। उसी 14 अगस्त की रात्रि को भारत को विभाजन हुआ। भारत का विभाजन होते ही पाकिस्तान के हिस्से में हिंसा शुरू हो गयी। हजारों हिन्दू माताओं बहिनों के साथ विधर्मियों ने अत्याचार किया।
पाकिस्तान में हिन्दुओं को मौत के घाट उतारा जाने लगा। ऐसे समय में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों ने अपने जान की बाजी लगाकर वहां से सुरक्षित हिन्दुओं को निकालने का काम किया था।
उन्होंने बताया कि तत्कालीन सरसंघचालक माधव राव सदाशिवराव गोलवलकर गुरूजी ने कहा था जब तक पाकिस्तान का एक भी हिन्दू सुरक्षित भारत आ नहीं जाता तब तक संघ के स्वयंसेवकों को मोर्चे पर डटे रहना है। ऐसे संकट की घड़ी में संघ के स्वयंसेवकों ने अपनी जान की परवाह न करते हुए हिन्दुओं को वहां से निकाल कर भारत लाए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विद्यांत डिग्री कालेज के राजनीति विभाग के प्रवक्ता डा. दिलीप अग्निहोत्री ने कहा कि भारत की सीमाएं बहुत व्यापक थी। यह ऐतिहासिक सच्चाई है। इससे भी बढ़कर यह बात है कि भारत विश्वगुरू था। यह पद भारत ने अपनी विद्वता और शौर्यता के बल पर प्राप्त किया था।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस भारत के विश्वगुरू बनने की दिशा में एक कदम है। अब हमारी जिम्मेदारी बढ़ गयी है। डा. दिलीप अग्निहोत्री ने कहा कि गुजरात में दलितों पर हमला और दादरी जैसी घटनाएं षड़यन्त्र का हिस्सा हो सकती हैं। इसकी जांच होनी चाहिए।