नई दिल्ली। इंडियन रेलवे केटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी) ने स्टेशन आधारित ई-कैटरिंग सेवा साल 2015 में शुरू की थी। इस सेवा के तहत रेल यात्री अपनी पसंद का खाना यात्रा के दौरान आर्डर कर सकते हैं। इसके तहत यात्री को निजी कैटरर के जरिए स्टेशन पर खाना मुहैया कराया जाता है।
कोटा के सांसद ओम बिरला ने बुधवार को लोकसभा में ई-कैटरिंग का मुद्दा उठाया। सांसद बिरला द्वारा पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए केन्द्रीय रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने बताया कि इस समय देश में ई-कैटरिंग सेवा 310 स्टेशनों पर उपलब्ध है, जिसके संचालन में 136 वेंडर और आठ एग्रीगेटर लगे हुए हैं।
उन्होंने इंडियन रेलवे केटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी) द्वारा अर्जित किए गए राजस्व का जोनवार ब्योरा भी दिया। केन्द्रीय रेलमंत्री प्रभु ने बताया कि ई- कैटरिंग सेवा की शुरूआत 15 जनवरी 2015 से की गई थी तब से लेकर 30 सितम्बर 2016 की अवधि के दौरान लगभग 2.77 करोड़ का व्यय किया गया है।
ई-कैटरिंग सेवा के अंतर्गत रेल यात्रियों को अपनी पसंद के भोजन ऑर्डर देने का विकल्प है। इसलिए इसकी कीमतें बाजार के अनुरूप हैं। इस सेवा के अंतर्गत कोई सब्सिडी नहीं दी जाती।
उन्होंने बताया कि इस योजना की सफलता को देखते हुए आईआरसीटीसी वर्ष 2016-17 में देश के 408 स्टेशनों पर सेवा उपलब्ध कराने का लक्ष्य है, जिससे रेल यात्रियों को मनपसंद भोजन उपलब्ध हो सके।
ई-कैटरिंग सेवा के अंतर्गत यात्री सुबह छह बजे से रात 10 बजे तक खाने का ऑर्डर दे सकते हैं। साथ ही यात्रियों के पास निर्धारित स्टेशन पर पहुंचने से दो घंटे पहले अपना ऑर्डर रद्द करने का भी विकल्प है।