कोलकाता। तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा ने गुरुवार को भारत और चीन के रिश्तों के आगे ले जाने के लिए ‘हिंदी-चीनी भाई भाई’ की भावना की कद्र किए जाने पर जोर दिया।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अरुणाचल प्रदेश की यात्रा पर चीन द्वारा आपत्ति जताए जाने के सवाल पर दलाई लामा ने मीडिया से कहा कि भारत और चीन को ‘हिंदी-चीनी भाई भाई’ की भावना के सम्मान के लिए अंतत: रास्ते खोजने होंगे।
उन्होंने कहा कि चीन को भारत की और भारत को चीन की जरूरत है और दोनों को एक साथ रहना है। उन्होंने कहा कि शांति से रहने और एक-दूसरे की सहायता करने के अलावा दोनों देशों के पास और कोई रास्ता नहीं है।
दलाई लामा ने इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित एक गोष्ठी में यह बात कही। तिब्बत-चीन मुद्दे पर दलाई लामा ने तिब्बत के विकास पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि जो बीत गया सो बीत गया, हमें भविष्य को ओर बढ़ना चाहिए। 1974 से हमने स्वतंत्रता की मांग नहीं की। तिब्बत के लोग आधुनिक तिब्बत चाहते हैं।
हमें अधिक भौतिक विकास की आवश्यकता है। चीन के साथ रहने में हमारी रुचि है, बशर्ते वे तिब्बत की अद्वितीय संस्कृति और विरासत का सम्मान करें।