सूरत। राजद्रोह के आरोप में करीब 6 माह से लाजपोर सेंट्रल जेल में बंद पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति के समन्वयक हार्दिक पटेल के एक और लेटर बाहर आया है। इसमें उसने राज्य सरकारी की ओर से गरीब सवर्णो के लिए 10 फीसदी आर्थिक आरक्षण की घोषणा को लेकर लिखा है कि ईबीसी चाहिए या ओबीसी यह वह खुद या पास नहीं पर समाज तय करे। समाज को ईबीसी मंजूर हो तो समझौते की दिशा में आगे बढ़ा जाएगा, वर्ना आंदोलन जारी रहेगा।
सूरत पास के सह समन्वयक निखिल सवाणी को संबोधित करते हुए पत्र में हार्दिक ने लिखा है कि पूराने मामले ही नहीं सभी मामले वापस लिए जाए इस बात को मेरा समर्थन नहीं है इस तरह की खबर जो चल रही है वह गलत है। मेरा जीवन समाज के लिए है, मेरे खिलाफ के सभी मामले वापस लिए जाए फिर वह पुराने हो या नए इसके मुझे को कोई मतबल नहीं है।
उसने लिखा है कि समाज के युवाओं को भोग के चलते उसे कोई भी समझौता मंजूर नहीं है। समाज को ईबीसी चाहिए या ओबीसी यह मैं नहीं समाज तय करेगा। सरकार ने ईबीसी में क्यां प्रावधान किए है वह पहले समझना जरूरी है। समाज के लोगों क्या चाहते हैं यह जानने के बाद निर्णय किया जाएगा।
समाज को ईबीसी और ओबीसी के नाम पर विभाजित करने की चाह रखने वाले लोगों को उनके उद्देश्य में सफल नहीं होने देंगे। आगे उसने लिखा है कि समाज हित ही हमारे लिए सर्वोपरि है, ऐसे में समाज का कुछ गलत हो ऐसा निर्णय हम नहीं लेंगे। समाज के सभी वर्गो को साथ लेकर चलेंगे। फिर वह पास के कार्यकर्ता हो या एसपीजी के कार्यकर्ता हो।
गौरतलब है कि आरक्षण की मांग के साथ राज्य में कई महीनों से पाटीदार समाज की ओर से आंदोलन चलाया जा रहा है। इस आंदोलन को बंद करने के लिए राज्य सरकार की ओर से पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति के साथ समझौते की बात की जा रही है।
वहीं राज्य सरकार की ओर से आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णो के लिए दस फीसदी अर्थिक आरक्षण की घोषणा की है और बताया जा रहा है नोटिफिकेशन को राज्यपाल की ओर से मंजूरी मिल गई है।