सूरत। हार्दिक पटेल की रिहाई की मांग को लेकर जेल भरो आन्दोलन के दौरान भड़की हिंसा के बाद सोमवार को किए गए गुजरात बंद का ऐलान सूरत शहर में कोई खास असर नजर नहीं आया है। सिर्फ कुछ पाटीदार बहुल इलाकों में मिला-जुला असर देखने को मिला। शेष पूरे शहर में बाजार खुले रहे और काम काज भी सुचारु रुप से हुआ।
हालांकि मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद रहने से लोगो को खासी परेशानी हुई। हिंसा व बंद के ऐलान के चलते पुलिस ने रविवार से ही वराछा, कापोद्रा, सरथाणा में बड़ी संया में पुलिस बल तैनात कर दिया था। इन इलाकों में पाटीदार कारोबारियों ने अपने व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रखे तो कुछ ने उपद्रव की आशंका के चलते सुबह दुकानें नहीं खोली।
लेकिन दोपहर बाद इन क्षेत्रों में बाजार खुलने लगे। बंद समर्थकों ने कुछ स्थानों पर पुलिसकर्मियों पर पथराव व वाहनों में आगजनी कर बंद को सफल बनाने का प्रयास किया लेकिन पुलिस ने उनके सभी प्रयास विफल कर दिए और आधा दर्जन से अधिक मामले दर्ज कर 80 से अधिक उपद्रवियों को गिरतार किया। पुलिस की गश्त के बीच शाम तक अधिकतर बाजार भी खुल गए और हालात सामान्य हो गए।
वलसाड में 144 की कलम लागू, बंद बेअसर
पाटीदारों द्वारा 17 तारीख को हुई जेल भरो आंदोलन के हिंसक रूप लेने पर जिला कलेक्टर ने वलसाड में भी धारा 144 लगाकर पुलिस बंदोबस्त बढा दिया। सोमवार को गुजरात बंद का ऐलान किया गया था लेकिन वलसाड जिले में बंद का असर नजर नहीं आया। जिले के पाटीदारों ने भी बंद के लिए कुछ भी प्रयास नहीं किए।