नई दिल्ली। भारतीय विदेश मंत्रालय ने गुरूवार को साफ़ कर दिया कि 15 जनवरी को भारत-पाकिस्तान के बीच होने वाली विदेश सचिव स्तर की वार्ता को स्थगित कर दिया गया है।
साथ ही पाकिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर की गिरफ्तारी या उसे हिरासत में लिए जाने के बारे में किसी भी तरह की जानकारी से भी भारत ने इनकार किया है। इससे पूर्व पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने इस्लामाबाद में कहा था कि शुक्रवार को होने वाली यह वार्ता टाल दी गयी है।
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरुप ने कहा कि विदेश सचिव डॉ एस जयशंकर ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष से टेलीफोन पर बात की और दोनों ने यह निर्णय लिया कि वार्ता ‘निकट भविष्य’ तक के लिए टाल दी जाए।
प्रवक्ता ने कहा कि महत्वपूर्ण यह है कि वार्ता दोनों देशों की सहमति से टाली गई है और यह कोई एकतरफा निर्णय नहीं था। प्रवक्ता ने कहा कि दोनों देशों का मानना था कि उन्हें मामले सुलझाने के लिए कुछ और समय चाहिए।
इस्लामाबाद में पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ख़लीलुल्लाह क़ाज़ी ने भी कहा कि दोनों देशों के विदेश मंत्रालय वार्ता की अगली तारीख को लेकर संपर्क में हैं।
भारत ने पाकिस्तान के इस प्रस्ताव को भी हरी झंडी दे दी कि पाकिस्तान अपने अधिकारियों की एक स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम पठानकोट भेज दे जो पठानकोट वायुसेना हवाई अड्डे पर आतंकी हमले में अपनी ओर से जांच करे और भारतीय जांच दलों के साथ सहयोग करे।
यह पूछे जाने पर कि दोनों देश कैसे सहयोग करेंगे, प्रवक्ता ने कहा कि अभी तो केवल पाकिस्तान की ओर से प्रस्ताव आया है और हम उसका स्वागत करते हैं और उसके साथ पूरा सहयोग करेंगे। सहयोग के तौर-तरीके बाद में तय हो सकते हैं।
एक और प्रश्न के उत्तर में प्रवक्ता ने कहा कि भारत के पास जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अज़हर को पाकिस्तान में हिरासत में लिए जाने के विषय में कोई समाचार नहीं है। उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने भी इसकी पुष्टि नहीं की थी।
केवल पाकिस्तानी प्रधान मंत्री के कार्यालय से बुधवार को एक वक्तव्य आया था जिसमें कहा गया था कि पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने जैश-ए-मोहम्मद के कुछ कार्यकर्ताओं को बंदी बना लिया है परन्तु मसूद अज़हर के विषय में कुछ नहीं कहा गया था।