पठानकोट। पठानकोट आंतकी हमले के दौरान एयरफोर्स बाउंड्री के पास गोली लगने से घायल युवक पर भी एनआईए टीम की शक की सूई टिक गई है। 12 दिन में सिर्फ 2 बार बोलने और 2 बार लिखकर अपना नाम व पता बताकर फिर से चुप्पी साधने वाले युवक को संदिग्ध माना जा रहा है।
एन.आई.ए. टीम जांच कर रही है कि आतंकी हमले के दौरान उस दिन उक्त युवक बाउंड्री के पास क्या कर रहा था। अगर जवानों ने उसे रुकने का इशारा किया तो वह भागा क्यों। उसके साथ अन्य युवक कौन था, जो फरार हो गया।
यह युवक पठानकोट में क्या करने आया था और इसका इरादा क्या था? इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए एनआईए टीम जांच में जुटी है।
सिविल अस्पताल में भर्ती युवक को पुलिस सिक्योरटी में रखा गया है। प्राइवेट रूम के बाहर पुलिस का पहरा बिठाया हुआ है। सूत्रों से पता चला है कि युवक की सेहत में पूरी तरह सुधार होने पर उसे एंटेरोगेट किया जाएगा।
एजेंसियों ने आशंका जताई है कि अगर यह युवक आतंकी नहीं है तो चार दिन तक गूंगे होने की एक्टिंग क्यों करता रहा। अचानक बोलने कैसे लगा अब चुप्पी क्यों साध ली।
पुलिस सूत्रों के अनुसार 2 जनवरी को आंतकी हमले के दौरान एयरफोर्स स्टेशन की बाउंड्री वॉल पर 2 युवकों को सेना के जवानों को रोकने का इशारा किया था। इस दौरान गूंगा राजकुमार घायल हो गया था जबकि दूसरा फरार हो गया। भागाने वाला युवक कौन था इसे लेकर संशय बना हुआ है।