नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पाकिस्तान मीडिया की उस रिपोर्ट को बकवास करार दिया है जिसमें जेआईटी के हवाले से पठानकोट हमले को भारत का ड्रामा बताया गया है।
सूत्रों के अनुसार एनआईए ने पाकिस्तान मीडिया में चल रही रिपोर्टों को खारिज करते हुए कहा कि पाकिस्तान के भीतर एक तत्व है जो भ्रम की स्थिति पैदा करना चाहता है। एजेंसी इस प्रकार के जाल में नहीं फंसेगी।
पठानकोट हमले की जांच के लिए भारत आई पाकिस्तान की ज्वॉइंट इन्वेस्टिगेशन टीम (जेआईटी) ने स्वदेश लौटने के बाद अभी तक एनआईए से बातचीत नहीं की है।
सूत्रों के मुताबिक भारत सरकार ने तय किया है कि जब तक पाकिस्तान का आधिकारिक बयान नहीं आ जाता, तब तक सरकार उन पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स पर प्रतिक्रिया नहीं देगी।
एनआईए सूत्रों के अनुसार भारत ने फोन रिकॉर्ड, आतंकवादियों के डीएनए सहित पर्याप्त सबूत दिये थे। एजेंसी ने कहा कि उन्होंने पाकिस्तान द्वारा मांगी गई जानकारी से अधिक सबूत जेआईटी को उपलब्ध कराए हैं।
एनआईए ने पाक जेआईटी को आतंकियों के शव दिखाने की भी पेशकश की थी, लेकिन टीम ने उन्हें देखने से इंकार कर दिया।
केंद्र सरकार अब राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और उनके पाकिस्तानी समकक्ष नसीर खान जंजुआ के बीच बातचीत का इंतजार कर रही है।
सरकार का मानना है कि पाकिस्तान को पठानकोट हमले के पर्याप्त सबूत उपलब्ध करा दिए गए हैं इसलिए अब गेंद पड़ोसी देश के पाले में है।
पाक मीडिया ने दावा किया है कि पठानकोट आतंकी हमले की जांच के दौरान भारत ने संयुक्त जांच दल (जेआईटी) को सहयोग नहीं किया और अपने दावों को साबित करने के लिए कोई ठोस सबूत भी नहीं दे सका।
पाक मीडिया पाकिस्तान टुडे की खबर के मुताबिक पठानकोट हमले की जांच करने आई पाक की जेआईटी ने इस हमले को अपने देश के खिलाफ भारत का’शातिराना दुष्प्रचार’ करार दिया है।
पाक जेआईटी जल्द अपनी रिपोर्ट प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को सौंप देगी। पठानकोट एयरबेस का दौरा कर चुके जेआईटी के एक सदस्य ने कहा कि पठानकोट हमला पाकिस्तान के खिलाफ ‘शातिराना दुष्प्रचार’ के सिवा कुछ नहीं था क्योंकि भारतीय अथॉरिटीज के पास अपने दावों के हक में कोई सबूत नहीं था।