जयपुर। पाक्षिक पत्रिका पाथेय कण गांव-गांव में पहुंचकर लोगों को जागरुक कर रहा है। इसमें प्रकाशित सामग्री बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों का ज्ञान वर्धन कर रही है।
यह विचार डॅा. भीमराव अम्बेडकर फाउण्डेशन अम्बेडकर पीठ के महानिदेशक कन्हैयालाल बेरवाल ने गुरूवार को पाथेय कण के मारवाड़ अंक के लोकार्पण कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए व्यक्त किए।
समारोह के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जोधपुर प्रांत के प्रांत संघचालक ललित शर्मा ने कहा कि सृष्टि के सभी अंगों का अपना-अपना स्वभाव होता है। यही स्वभाव धीरे-धीरे उसका धर्म बन जाता है।
ठीक इसी प्रकार पाथेय कण का भी अपना स्वभाव है लोगों को धर्म के प्रति जागरुक करने का। पाथेय कण अपने प्रारंभिक काल 1985 से अपना यह धर्म निभाता चला आ रहा है। यह समाज के लोगों को जागरुक करने का कार्य कर रहा है।