सूरत। हार्दिक पटेल समेत पाटीदार युवाओं को जेल से छुड़ाने के लिए रविवार को आयोजित जेल भरो आन्दोलन की सुबह शान्तिपूर्ण माहौल में शुरुआत हुई। सैकड़ों पाटीदारों ने विभिन्न स्थानों पर गिरतारियां दीं, वहीं दोपहर बाद आन्दोलन ने हिंसक रूप ले लिया। कई जगह आगजनी और पथराव की घटनाएं हुई। इस पर नियंत्रण पाने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज और अश्रुगैस का सहारा लिया। पथराव में कुछ लोग घायल भी हुए हैं।
एसपीजी द्वारा आयोजित एवं पाटीदार अनामत आंदोलन समिति समर्थित जेल भरो आन्दोलन के चलते सुबह से ही पुलिस ने सुरक्षा के तगड़े बंदोबस्त कर रखे थे। सुबह नौ बजे ही बड़ी तादाद में पाटीदार युवा वराछा थाने पर पहुंच गए और थाने का घेराव कर गिरतारी की मांग करने लगे। वे हार्दिक समेत जेलों में बंद युवाओं को रिहा करने के लिए नारेबाजी भी कर रहे थे।
समिति संसाधनों के साथ मौजूद पुुलिस ने धीरे-धीरे अलग-अलग वाहनों में युवकों व आन्दोलन में शामिल पाटीदार उद्यमियों व राजनेताओं को डिटेन कर शहर के अलग-अलग थानों व पुलिस मुयालय में भेज दिया। सुबह नौ बजे से शुरू हुआ यह सिलसिला दोपहर तक जारी रहा। वहीं वराछा की तरह कतारगाम, शहर पुलिस आयुक्त कार्यालय, क्राइम ब्रांच कार्यालय, लाजपोर जेल पर भी सैकड़ों लोगों ने गिरफ्तारियां दी।
दोपहर करीब डेढ़ बजे कुछ महिलाओं और युवकों का टोला वराछा थाने के बाहर जमा हो गया। महिलाओं ने पुलिसकर्मियों के सामने चूडिय़ा फेंकी। पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर टोले को वहांं से खदेड़ा। उसके बाद वराछा थाने से लेकर सरथाणा जकातनाका तक उपद्रवियों ने सड़क पर बेरिकेटों की तोडफ़ोड़ व चौराहे पर कचरा पात्रों में आगजनी शुरू कर दी। उपद्रवियों ने कई स्थानों पर रास्ते रोक कर चक्का जाम का प्रयास भी किया।
हरकत में आई पुलिस ने सड़कों पर से उपद्रवियों को खदेडऩा शुरू किया। मुंह पर रूमाल बांधकर गलियों व मकानों की छतों पर छिपे उपद्रवियों ने भी पुलिसकर्मियों पर पथराव शुरू कर दिया। वराछा मेन रोड पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने चौराहे व गलियों में मौजूद उपद्रवियों को खदेडऩे के लिए आंसू गैस के दर्जनों गोले छोड़े और कई स्थानों पर हल्का लाठीचार्ज भी किया। देर शाम तक पुलिस व उपद्रवियों के बीच वराछा रोड पर चूहे-बिल्ली का खेल जारी रहा।