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नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से अलग रह रहीं उनकी पत्नी पायल अब्दुल्ला की नई दिल्ली स्थित 7-अकबर रोड स्थित सरकारी बंगले को खाली करने के सिंगल बेंच के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। फिलहाल पायल वहीं रह रही हैं।
पायल की याचिका पर चीफ जस्टिस जी. रोहिणी और जस्टिस वीके राव की बेंच ने केंद्र को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा था। उन्होंने अपनी अपील में कहा कि केंद्र सरकार को उन्हें एवं उनके पुत्र को उसी तरह का आवास दिलाने का निर्देश देने को कहा जाए जैसा इसी प्रकार के सुरक्षा दर्जा पाए लोगों को दिया जा रहा है।
कोर्ट ने कहा कि हम यह देखेंगे कि पायल और उनके बच्चे उस आवास में रहने के हकदार हैं कि नहीं। सुनवाई के दौरान गृह मंत्रालय ने पायल के दावों को खारिज करते हुए कहा कि उनकी सुरक्षा दिल्ली पुलिस की जिम्मेदारी है।
दरअसल हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के पहले ट्रायल कोर्ट ने भी पायल की अर्जी खारिज कर दी थी। पायल ने जम्मू-कश्मीर के संपदा विभाग द्वारा 30 जून को जारी बंगला खाली करने के आदेश को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी जिसे ट्रायल कोर्ट ने खारिज कर दिया था।
उमर अब्दुल्ला पायल से करीब पांच साल पहले ही अलग होने की घोषणा कर चुके हैं। 7-अकबर रोड स्थित बंगला जम्मू-कश्मीर सरकार का है जिसे उमर अब्दुल्ला को अलॉट किया गया था। उस बंगले में पायल भी रह रही थीं।
इसके पहले 4 जून को जब उमर अब्दुल्ला को बंगला खाली करने का नोटिस मिला था तो उन्होंने जवाब दिया था कि उस बंगले में वह नहीं रह रहे हैं। तब संपदा विभाग ने पायल को बंगला खाली करने का नोटिस थमाया था।