जयपुर। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज विभाग द्वारा पंचायत समितियों के अधिकारों को जिला परिषदों को दिए जाने की कड़े शब्दों में निंदा की है। पायलट ने एक बयान जारी कर कहा कि भारतीय जनता पार्टी सरकार पंचायत राज संस्थानों को कमजोर करने के लिए पंचायत राज अधिनियम 1994 की धाराओं 289 एवं 290 के प्रावधानों को अमान्य कर रही है जो वैधानिक रूप से गलत है।…
उन्होंने कहा कि देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू ने महात्मा गांधी की ग्राम स्वराज की अवधारणा को मूर्तरूप देने के लिए देश में पंचायत राज को स्थापित किया था जिससे ग्रामीण इकाईयों के माध्यम से गांवों को जनभावना के अनुरूप विकसित किया जा सके।
उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के प्रयासों से पंचायतराज संस्थाओं को और अधिक अधिकार प्रदान कर सशक्त किया गया था परंतु प्रदेश की भाजपा सरकार ग्रामीण इकाईयों को कमजोर करने के क्रम में जिला परिषदों को ज्यादा अधिकार देकर सत्ता के विकेन्द्रीकरण की भावना के खिलाफ काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज विभाग की ओर से जारी आदेश के अनुसार जिले के भीतर एवं बाहर तबादलों में अब जिला परिषद की सवेेüसर्वा होगा और पंचायत समितियों की कोई भूमिका नहीं रहेगी तथा जिला परिषद के आदेशों में पंचायत समितियां परिवर्तन भी नहीं कर पाएगी।
पायलट ने कहा कि राज्य सरकार का यह आदेश पंचायत समितियों को पंगु बनाने के मकसद से लिया गया है जिससे पंचायत समितियों के सदस्यों को अधिक ारहीन किया जा सके। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई संस्था के सदस्यों के अधिकारों में कटौती की जाना संविधान की मूल भावना के खिलाफ है।