जयपुर। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने कहा है कि प्रदेश में कांग्रेस के सामने अब पंचायत राज संस्थाओं एवं शेष रही नगर निकायों के चुनाव सबसे बड़ी चुनौती है। पायलट ने बुधवार को बताया कि प्रदेश में होनेवाले पंचायत चुनावों में पार्टी का अच्छा प्रदर्शन रहे इसके लिए नवगठित प्रदेश कार्यकारिणी की पहली बैठक बुलाई गई है। जिसमें विचार विमर्श कर पदाधिकारियों को जिम्मेदारियां सौंपी जाएगी ताकि इन चुनावों में पार्टी अपनी खोई हुई जमीन वापस हासिल कर सके।
उन्होंने स्वीकार किया कि हाल ही में सम्पन्न हुए 46 निकायों के चुनावों में पार्टी को आशा अनुरूप सफलता नहीं मिली लेकिन कांग्रेस के मत प्रतिशत एवं प्रचार प्रसार में वृद्धि अवश्य हुई है। उन्होंने दोहराया कि विधानसभा की चार सीटों पर हुए उपचुनावों में कांग्रेस ने तीन सीटों पर सफ लता अर्जित की थी।
पायलट ने नवगठित कार्यकारिणी की संख्या बल के सवाल पर कहा कि वर्तमान में कई जिलों में कांग्रेस के सांसद, विधायक एवं जिला प्रमुख नहीं है। इसलिए संगठन पदाधिकारियों को ऎसे जिलों में पार्टी की रीति नीतियों को जनता तक ले जाने की जिम्मेदारी दी जाएगी। नई कार्यकारिणी में वंशवाद के सवाल पर उन्होंने कहा कि भाजपा के लोगों को कांग्रेस में ही वंशवाद नजर आता है जबकि राजस्थान में मुख्यमंत्री के परिजन, महाराष्ट्र में शिवसेना तथा पंजाब में अकाली दल बादल के साथ वंशवाद की बात दिखाई नहीं देती है।
राज्यपाल जैसे संवैधानिक पदों पर रहने वालों को कार्यकारिणी में शामिल करने के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि भाजपा ने तो न्यायाधीश रहे लोगों को राज्यपाल बनाया है। उन्होंने कहा कि संवैधानिक पद से हटने के बाद कोई पार्टी के लिए काम करता है तो इसमें बुरा क्या है। उन्होंने कहा कि कांंग्रेस में युवाओं को काम करने का मौका दिया जा रहा है तथा मेहनत का कोई दूसरा विकल्प नहीं हो सकता है।
इस कार्यकारिणी में अधिक को काम करने का अवसर दिया गया है और कार्य करने वाला आगे बढेगा। उन्होंने कहा कि पार्टी सदस्यता अभियान चलाकर पार्टी से नए वर्गो को जोड़ने का काम किया जा रहा है।