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मुखबिर योजना की राशि बढ़ी, अब मिलेंगे ढाई लाख रुपए

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मुखबिर योजना की राशि बढ़ी, अब मिलेंगे ढाई लाख रुपए
Health Minister kalicharan saraf
Health Minister kalicharan saraf
Health Minister kalicharan saraf

जयपुर। प्रदेश में भ्रूण लिंग परीक्षण को रोकने के लिए प्रारम्भ की गई मुखबिर योजना के तहत देय राशि दो लाख रुपए से बढ़ाकर ढाई लाख रुपए करने का निर्णय लिया गया है।

सभी जिलों में सोनोग्राफी मशीनों के निरीक्षण बढ़ाने के साथ ही सीमावर्ती जिलों के गांवों में स्थानीय निवासियों को मुखबिर बनाकर पड़ौसी राज्यों में ले जाकर भ्रूण लिंग परीक्षण करने व करवाने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री कालीचरण सर्राफ की अध्यक्षता में शुक्रवार को स्वास्थ्य भवन में आयोजित पीसीपीएनडीटी स्टेट सुपरवाइजरी बोर्ड की बैठक में यह निर्णय लिया गया। सराफ ने मुखबिर योजना की राशि बढ़ाकर दो लाख करने के बाद करीब एक वर्ष की अवधि में हुए 30 डिकॉय ऑपरेशन की चर्चा करते हुए अब इस राशि को बढ़ाकर ढाई लाख रुपए करने के निर्देश दिए।

निर्धारित प्रावधानों के अनुसार अब तक इस राशि में 80 हजार रुपए मुखबिर को, 80 हजार गर्भवती महिला (डिकॉय) को एवं शेष 40 हजार रुपए गर्भवती महिला के साथ जाने वाले व्यक्ति को दिए जा रहे हैं। मगर राशि में बढ़ोतरी कर एक लाख रुपए मुखबिर को, एक लाख रुपए गर्भवती महिला (डिकॉय) को एवं शेष 50 हजार रुपए गर्भवती महिला के साथ जाने वाले व्यक्ति को दिए जाने का प्रावधान किया जा रहा है।

चिकित्सा मंत्री ने प्रदेश में पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत वर्ष 2016 में निरीक्षण की संख्या बढ़कर दो हजार 468 किए जाने की सराहना की। वर्ष 2015 में 1430 एवं वर्ष 2014 में 837 निरीक्षण किए गए थे। उन्होंने राज्य स्तर से विभिन्न जिलों की टीमें बनाकर एक-दूसरे जिलों में भिजवाकर निरीक्षण करवाने की आवश्यकता प्रतिपादित की।

उन्होंने बताया कि भ्रूण लिंग परीक्षण के संबंध में टोल फ्री नम्बर 104 व 108 पर गुप्त सूचनाएं दी जा सकती है। बैठक में डिकॉय ऑपरेशन के दौरान फण्ड की आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए डिकॉय ऑपरेशन टीम के लिए स्पेशल फण्ड बनाने की अनुमति प्रदान की।

साथ ही, जोधपुर जिले में पीसीपीएनडीटी सैल की दृष्टि से जोधपुर प्रथम व जोधपुर द्वितीय बनाने की अनुमति प्रदान की गई। बाड़मेर पीसीपीएनडीटी कॉर्डिनेटर को जोधपुर ग्रामीण का अतिरिक्त चार्ज सौंपा गया है।

जब्त की गई सोनोग्राफी मशीनों को रखने के लिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को अलग से भण्डारगृह बनाकर उन्हें अधिसूचित करने के निर्देश दिए गए हैं।

राज्य समुचित प्राधिकारी पीसीपीएनडीटी के अध्यक्ष एवं मिशन निदेशक एनएचएम नवीन जैन ने बताया कि प्रदेश में इस समय कुल दो हजार 718 सोनोग्राफी मशीनों का पंजीयन हो चुका है। इनमें 222 सरकारी व दो हजार 496 निजी संस्थानों में स्थापित है।

अब तक कुल 10 हजार 625 निरीक्षण किए जा चुके हैं एवं विभिन्न कमियां पाए जाने पर 194 अनुज्ञा-पत्र निलम्बित व 419 निरस्त करने के साथ ही 475 सोनोग्राफी मशीनों की सील व सीजर्स की कार्यवाही हो चुकी है।

अब तक 641 शिकायतें न्यायालयों में दर्ज करवाई जा चुकी है एवं 145 मामलों में संबंधित व्यक्तियों की सजा सुनवाई जा चुकी है। जैन ने बताया कि अब तक 56 डिकॉय ऑपरेशन किए जा चुके हैं। इनमें वर्ष 2016-17 में किए गए 10 इंटरस्टेट सहित कुल 26 डिकॉय ऑपरेशन शामिल है।