पूर्वोत्तर राज्य अरुणाचल प्रदेश की राजधानी है ईटानगर बहुत ही शांतिपूर्ण जगह के साथ नाइट क्लबों और स्वादिष्ट व्यंजनों के लिए मशहूर है। असम के प्रमुख शहर गुवाहाटी से ईटानगर का सफर करीब 6 घंटे का है। यह रास्ता भी बेहद सुंदर है। हरे-भरे परिवेश के बीच यह सफर यादगार बन जाता है। ईटानगर से 10 किलोमीटर दूर नाहरलागुन रेलवे स्टेशन है।
2014 में ही तैयार किया गया यह स्टेशन काफी साफ-सुथरा है। ईटानगर में स्थित गंगा झील बेहद खूबसूरत है। इसका पौराणिक महत्व भी माना जाता है। पेड़ों से घिरी यह झील बिल्कुल शांत है। यहां नौका विहार की सुविधा भी है। यदि चाहें तो इसके किनारे बैठ कर शांत पलों का आनंद भी ले सकते हैं। ईटानगर में खाने-पीने के लिए अनेक अच्छे रेस्तरां हैं जिनमें एक मणिपुरी रेस्तरां भी शामिल है। एक पहाड़ी पर स्थित नवनिर्मित बहुउद्देशीय सांस्कृतिक केंद्र है तो दूसरी ओर नाइट लाइफ का आनंद लेने वालों के लिए भी यहां क्लब हैं जहां रंग-बिरंगी रोशनी और जोरों से बजते संगीत पर नाच सकते हैं।
ईटानगर के पास स्थित गोम्पा एक बौद्ध मठ है। मठ में बरगद के पेड़ के नीचे स्थापित बौद्ध प्रतिमा है तथा रंगीन प्रार्थना झंडे एक सुखदायक व शांत माहौल का आभास करवाते हैं। बौद्ध गुरु दलाई लामा भी इसकी यात्रा कर चुके हैं। इसका निर्माण तिब्बती शैली में किया गया है। इसकी छत से पूरे ईटानगर के ख़ूबसूरत दृश्य देखे जा सकते हैं। इसमें एक संग्रहालय का निर्माण भी किया गया है। इसका नाम जवाहर लाल नेहरू संग्रहालय है। यहां से पर्यटक पूरे अरुणाचल प्रदेश की झलक देख सकते हैं। यहां सेंकी व्यू नदी भी बहती है। ईटानगर को उसके अनेक पुरातत्व स्थलों के लिए भी जाना जाता है। ईटा किला (ईंटों का किला) अरुणाचल प्रदेश के सबसे मनमोहक पर्यटक स्थलों में से एक है। ईटानगर नाम का उद्भव ईटा किला से ही हुआ है जिसकी संरचना अनियमित है।