अनूपपुर। पवित्र नगरी अमरकंटक से निकलने वाली जीवनदायिनी नर्मदा का जल पूरे प्रदेश में ए ग्रेड का पाया गया है यानी आप इसे बिना फिल्टर किए भी पी सकते हैं।
यह खुलासा म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा प्रदेश भर में हाल ही में लिए गए नर्मदा जल के नमूने की रिपोर्ट से हुआ है। रिपोर्ट इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे पहले जब नमूने लिए गए थे, तब कुछ स्थानों पर पानी बी ग्रेड का भी मिला था।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल
ज्ञात हो कि 2013 में एक छात्र संगठन ने प्रदेश में नर्मदा में फैल रहे प्रदूषण और इससे बचाव को लेकर राष्ट्रीय हरित अधिकरण (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) में याचिका दायर की थी। एनजीटी ने बोर्ड को निर्देश दिए थे कि प्रदेश में अलग-अलग जगह से नर्मदा जल के सैंपल लेते हुए उसकी रिपोर्ट पेश की जाए। बोर्ड ने विभिन्न स्थानों से सैंपल लेकर जांच की। इसमें सभी जगह नर्मदा जल ग्रेड का मिला।
31 स्थानों के पानी की जांच
फरवरी के आखिरी सप्ताह से मार्च के पहले सप्ताह के बीच 31 जगह से लिए गए नमूनों से यह खुलासा हुआ है कि अमरकंटक सहित जबलपुर, होशंगाबाद, ओंकारेश्वर,महेश्वर, खलघाट, बडवानी, कोटेश्वर और ककराना में लिये गये नमूनो में सभी स्थानो पर गुणवत्ता सही पाई गई। इन सभी जगह नर्मदा का पानी ग्रेड का आया है। यह संकेत है कि नर्मदा के पानी की गुणवत्ता में सुधर रहा है।
5 ग्रेड तक मापते हैं गुणवत्ता
पॉल्यूशनबोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि पानी की गुणवत्ता पांच ग्रेड (ए से ई) में मापी जाती है। ग्रेड का पानी सबसे अच्छा होता है। इसे प्रोसेस किए बिना भी पीया जा सकता है। वहीं ग्रेड का पानी नालों का होता है। नर्मदा नदी में ग्रेड का पानी मिलने से इसके प्रदूषण और सीवरेज से मुक्त होने की बात भी कही जा रही है।
35 मानकों पर की गई जांच
नर्मदा से लिए गए नमूनो को 35 मानकों पर जांचा गया। इनमें डिजॉल्व्ड ऑक्सीजन, बॉयो केमिकल और केमिकल ऑक्सीजन डिमांड, कॉलीफार्म बैक्टीरिया की जांच प्रमुख है, जिससे पानी का स्तर तय किया जाता है। इन्हीं सब मानकों में जांच के बाद यह पानी ग्रेड का पाया गया। किनारे पर गंदगी और कचरा होता है इसलिए पानी की असली स्थिति जानने के लिए बीच नदी से नमूने लिए गए।
इनका कहना है
लिए गए नमूनो में सभी जगह नर्मदा का पानी ग्रेड का आया है। यह संकेत है कि नर्मदा की गुणवत्ता सुधर रही है।
-डी.के. वाघेला, प्रयोगशाला प्रभारी पीसीबी