कोल्हापुर। महाराष्ट्र विधानसभा में आगामी चुनाव के दौरान विभिन्न पार्टियों के उम्मीदवारों के बीच संबंध उनकी उम्मीदवारी और जिले में उनके प्रचार अभियान के लिए सिर दर्द बन गया है। इस चुनाव में कई नेताओं को इस समस्या से दो चार होना पडेगा।…
कोल्हापुर दक्षिण चुनाव क्षेत्र में कांग्रेस के विधान परिषद के सदस्य और उद्योगपति महादेव राव महादिक के घर पर चार विभिन्न राजनीतिक दलों के झंडे लहरा रहे हैं। एमएलसी महादिक अपने बेटे को भारतीय जनता पार्टी से टिकट दिलाने का प्रयास कर रहे हैं जबकि उनके भाई नाना महादिक शिव सेना में शामिल होने के इच्छुक हैं। उनके दो भतीजों में से एक राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से सांसद हैं और दूसरा कोल्हापुर उत्तर से कांग्रेस का टिकट चाहता है।
अरूण नारके ने कारवीर कांग्रेस के संभावित उम्मीदवार पी.एन.पाटिल के खिलाफ अपने भतीजे चंद्रदीप नारके के लिए प्रचार शुरू कर दिया है। उनका कांग्रेस अध्यक्ष के खिलाफ प्रचार अभियान में उतरना इस चुनाव क्षेत्र में कंाग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच गुस्सा जाहिर करता है। चांदगढ चुनाव क्षेत्र में भी इसी तरह की समस्याएं हैं।
पूर्वविधानसभा अध्यक्ष दिवंगत बालासाहेब कूपेकर का चुनाव क्षत्र भी अखाड़ा बना हुआ है। उनका भतीजा संग्राम सिंह कूपेकर मौजूदा रांकांपा विधायक और कूपेकर की पत्नी संध्यादेवी कूपेकर के खिलाफ चुनाव में खडे हैं, दूसरी ओर दौलत सहकारी चीनी मिल के अध्यक्ष गोपालराव पाटिल इस चुनाव क्षेत्र से अपना भाग्य आजमाना चाहते हैं।
जिला परिषद के नौ सदस्यों का इस्तीफा
राकांपा के नांदेड जिला परिषद के नौ सदस्यों ने सोमवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया। ये सभी सदस्य राकांपा जिला प्रमुख बापूसाहब गोर्टेकर के करीबी थे। सूत्रों के मुताबिक 63 सदस्यीय नांदेड जिला परिषद में राकांपा के 18 सदस्य हैं जो तीन गुटों में बंट गए हैं। इनमें से नौ सदस्य राकांपा जिला प्रमुख गोर्टेकर के करीबी है, पांच सदस्य किनवत के विधायक प्रदीप नाइक के करीबी है और बाकी चार सदस्य लोहा क्षेत्र से विधायक शंकर धोंडगे के करीबी हैं, जो उनके गुट में हैं।
इनमें से नाइक गुट और धोंडगे गुट से संबंध रखने वाले जिला परिषद सदस्यों के राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण से अच्छे रिश्ते हैं। सूत्रों ने बताया कि गोर्टेकर गुट के सभी सदस्यों ने अपने इस्तीफे राकांपा के प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे को भेज दिए हैं। उन्होंने कहा कि वह सभी कांग्रेस, नाइक और धोंडगे गुट के सदस्यों की राजनीति से परेशान हो गए हैं और दोनों गुटों के चव्हाण से रिश्तों के कारण दुखी हैं।