मुंबई। ओपेक देशों की बैठक के बाद से अब तक क्रूड के भाव में 12 प्रतिशत की तेजी दर्ज की जा चुकी है। अमरीका में इन्वैंट्री डाटा घटने से क्रूड कीमतों में तेजी देखने को मिली।
बता दें कि 27 सितम्बर को ब्रेंट क्रूड का भाव 45.97 डॉलर प्रति बैरल था जबकि गुरुवार को इसके भाव ने 51.86 डॉलर प्रति बैरल के स्तर को छुआ।
ओपेक देशों की बैठक में क्रूड प्रोडक्शन कटौती की रूपरेखा पेश की जाएगी। इसके बाद क्रूड कीमतों में और तेजी देखने को मिल सकती है। इसका बड़ा असर ग्लोबल इकोनॉमी के साथ भारत पर भी पड़ेगा।
भारत अपनी जरूरत का अधिकतर कच्चा तेल आयात करता है। क्रूड महंगा हुआ तो भारत का इम्पोर्ट बिल बढ़ेगा जिससे व्यापार घाटा बढ़ सकता है।
लिहाजा सरकार का बजट बिगड़ सकता है। कच्चे तेल का सीधा असर आपकी जेब पर भी होगा क्योंकि पैट्रोल-डीजल के भाव एक बार फिर बढ़ जाएगा।