सबगुरु न्यूज-सिरोही। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट ने गुरुवार को सिरोही में कांग्रेस के वृहद जिला सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश में ऐसी सरकार है जिसकी मुख्यमंत्री प्रदेश के सांसदों और एमएलए की नही सुनती और जैसे को तैसा ये कि देश के प्रधानमंत्री भी राजस्थान में की उन्हीं पार्टी की मुख्यमंत्री की सुनवाई नही करते।
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के विधायक और सांसद मुख्य मंत्री के सामने जनता की समस्याओं के लिए जूझने की बजाय अपने टिकेट के लिए घुटने टेककर हुकम हुकम करते हैं। ऐसे में जनता की समस्याओं का निस्तारण होना नामुमकिन हैं।
पायलट ने आह्वान किया कि प्रदेश में बीजेपी के नेता जनता की समस्याओं के लिए मुख्यमंत्री की कार्यप्रणाली का विरोध करें तो कांग्रेस भी उनके कंधे से कंधा मिलाकर चलेगी।
पायलट ने आरोप लगाया कि प्रदेश की भाजपा सरकार पूरी तरह से भ्रष्टाचार में डूबी हुई है और कांग्रेस और जनता के द्वारा सवाल पूछने पर उन्हें देशद्रोही घोषित कर दिया जाता है।
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने सिरोही विधायक और राज्य के गोपालन मंत्री पर चुटकी लेते हुए कहा कि देश में एकमात्र राज्य है जहां पर अलग से गोपालन मंत्री बनाया हुआ है, लेकिन सरकार से पूछो कि गोपालन मंत्री का दफ्तर कहाँ है तो जवाब मिलता है कि पता नही, विभाग का बजट पूछो तो जवाब मिलता है कि पता नही, हिंगोनिया गोशाला में गायों की मौत के दौरान पूछा कि गोपालन मंत्री कहाँ है तो जवाब मिला कि पता नहीं।
पायलट ने दावा किया कि भाजपा को गाय सिर्फ वोट लेने के लिए याद आती है, जबकि कांग्रेस ने जयपुर की हिंगोनिया गोशाला में मरणासन्न गायों की सेवा करके उन्हें फिर से जीवन दिया। कांग्रेस के लिए गाय आस्था का विषय है वोट बैंक जुटाने का माध्यम नहीं।
कांग्रेस को ओर देश से बुरी तरह से साफ होने की पीड़ा बताते हुए पायलट ने कहा कि मुख्य मंत्री की सूराज संकल्प यात्रा के दौरान किये गए भ्रमित करने वाले वादों पर आप लोगों ने उन्हें ऐतिहासिक जनमत दिया और भाजपा ने प्रदेश की जनता को ठगते हुए सत्ता पर काबिज होते ही उन सभी वादों को दरकिनार कर दिया।
पायलट ने सिरोही के खंडेलवाल छात्रावास में आयोजित जिला कांग्रेस के सम्मेलन में आगामी विधानसभा चुनावों का बिगुल भी फूंक दिया। उन्होंने जिले की तीनों विधानसभा सीट पर कांग्रेस को जिताने का आह्वान करते हुए दावा किया कि 2018 में कांग्रेस फिर सत्ता में आयगी और जनता की सेवा करेगी।
पायलट ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की ओर से पूर्व मुख्यमंत्रियों के लिए बंगले, स्टाफ, पेंशन जैसी कई सुविधाओं का बिल पास करने पर चुटकी लेते हुए कहा कि महारानी को पता है कि 2018 में राजस्थान की जनता सत्ता से उनकी विदाई कर देगी इसलिए वह पहले ही अपना भविष्य सुरक्षित करने की व्यवस्था कर रही हैं।
उन्होंने कहा कि खुद भाजपा के नेता घनश्याम तिवाड़ी ने ही भाजपा पर आरोप लगाया है कि भाजपा अपनी तीन पीढिया का इंतजाम करने में लगी है।
आईसीसी के सचिव विवेक बंसल ने कहा कि ये लोग कांग्रेस से पूछते हैं कि 60 सालों में इसने क्या किया। बंसल ने कहा कि देशवासियों ओर कॉंग्रेस का संबंध बाप-बच्चों जैसा है। जिस तरह पिता बेटे के उन्होंने उसके लिए क्या किया सवाल पर चुप रहता है ठीक उसी तरह काँग्रेस की स्थिति है। कोई पिता अपने बच्चों के लिए किये गए कामों को गिनाता नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री हों या राजस्थान कि मुख्यमंत्री सभी ने देश और प्रदेश की जनता को भ्रमित किया है। जिसका अहसास अब जनता को होने लगा है।
प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष भंवरलाल मेघवाल ने कहा कि गहलोत सरकार ने जनता के लिए बहुत कुछ किया फिर भी जनता ने उन्हें ये सिला ढिया। अब राजस्थान की हर विधानसभा में लोग कांग्रेस के शासन को याद कर रहे हैं।
सिरोही में कांग्रेस के पूर्व विधायक संयम लोढा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने सिरोही के जवळ में चुनाव से पूर्व अपनी सभा में सिरोही में नर्मदा लेन को कहा, लेकिन वो अपना वादा भूल गयी। सिरोही में रेल के लिए सुर्वे हुआ, लेकिन केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस वर्ष इस रेल लाइन के लिए जारी किए जाने वाला बजट नही दिया।
लोढा ने कहा कि कांग्रेस इसके लिए संघर्ष और आंदोलन करेगी और जनता के हित में सरकार को मजबूर करेगी कि वो नर्मदा के लिए सर्वे करवाये और रेल सर्वे के लिए पैसे जारी करें।
जिलाध्यक्ष गंगाबेन गरासिया ने दावा किया कि जिले में कांग्रेस में कोई मतभेद नही है। उन्होंने पायलट को आश्वस्त किया कि आगामी विधानसभा में जिले की तीनों विधानसभा सीट कांग्रेस को जिताकर देंगे।
कार्यक्रम को जगदीश शर्मा, हरीश चौधरी, जितेंद्र ऐरन, पारसाराम मेघवाल, गुमानसिंह करणसिंह उचियारड़ा आदि ने संबोधित किया। वहीं रानीवाड़ा के पूर्व विधायक रतन देवासी, जालोर के जिलाध्यक्ष संरजीतसिंह, रंजू रामावत, संध्या चौधरी, अचलसिंह बालिया, राजेन्द्र सांखला, जालोर के पूर्व विधायक रामलाल मेघवाल आदि मंचासीन थे।
जबरदस्त भीड़, अव्यवस्था का आलम
संयम लोढा के नेतृत्व में जिला कांग्रेस सम्मेलन में जबरदस्त लोग उमड़े। गर्मी में कांग्रेसियों की बड़े नेताओं के करीब रहने की आदत ने पायलट के आने के बाद कुछ अव्यवस्था फैला दी। स्थिति ये हुई कि प्यास से बेहाल लोगो ने पंडाल छोड़कर जाना शुरू कर दिया। फिर नेताओं के इर्दगिर्द खड़े होने का शौक पूरा करने के चक्कर में अपनी जिम्मेदारियां भूले कार्यकर्ताओं ने पानी के पाउच लाकर बांटने शुरू किए तो लोग फिर बैठे।
सहयोग रत्ती का नही, सुविधाएं मुख्य अतिथियों की चाहिए
कुछ विशेषता सिर्फ कांग्रेस के नेताओं में ही नजर आती है। मंच पर बैठने ओर मुख्य अतिथियों के लिए की गई व्यवस्थाओं में हिस्सेदारी करने का कोई मौका नही चूकते। यहां भी ऐसा ही देखने को मिला। मंच पर अवांछित लोग नहीं पहुंचे इसके लिए कुर्सियां लगाकर सबपर नाम लिख दिया गया था। फिर भी धेला खर्च नही करने वाले छुटभैये नेता मंच पर चढ़े दिखे।
यही नही मीडिया की कुर्सी हो या किसी ओर व्यक्ति के लिए आरक्षित कुर्सी सभी को अपनी जगह से उठा ले गए। व्यवस्थापकों ने जब ऐसा नही करने का अनुरोध किया तो भड़क ओर गए। यही स्थिति एयरलाइन होटल में लंच के दौरान दिखी। यहां पर विशेष 70 लोगों के खाने की व्यावस्था की गई थी, लेकिन ये आंकड़ा 200 पहुंच गया। यहां की व्यवस्था संभाले कांग्रेस पदाधिकारी को होटल का मैनेजमेंट संभाला युवक बार बार गिनती गिनवाता रहा। ये तो गनीमत थी कि होटल में एक अन्य कार्यक्रम और होने से आयोजको की लाज बच गयी।
भरोसे की भैंस पाड़ा लाती है
कार्यक्रम की पूरी जिम्मेदारी संयम लोढा ने उठा रखी थी। सारी व्यवस्था और कार्यकर्ता भी व्यवस्था में उनके है थे। लोढा विरोधी गुट के कोंग्रेसी इस इंतेजार में थे कि कार्यक्रम में कोई नुस्ख हो। इसी कारण लोढा देर रात तक खंडेलवाल समाज छात्रावास स्थित कार्यक्रम स्थल पर चारपाई पर बैठे रहे और अल-सुबह फिर कार्यक्रम स्थल पर पहुंच गए।
कार्यकर्ता ने बताया कि रात को जब एक कार्यकर्ता ने उन्हें घर जाने को कहा तो वो यही कहते दिखे कि भरोसे की भैंस पाड़े लाती है। वहीं एक पदाधिकारी ने अपनी पूरी डायरी निकालते हुए की गई व्यवस्था को बताते हुए कहा कि लोढा कार्यक्रम को लेकर इतने सजग थे कि हर काम को और बेहतर तरीके से करने की गुंजाइश ढूँढत्के दिखे।
मालाओं की जांच के लिये मुख्य द्वार पर विशेष निगरानी
मंच पर मालाएं पहनाने के लिए मचने वाली होडा होड़ी से लोढा पहले ही वाकिफ थे। उन्होंने पहले ही कार्यक्रम स्थल पर मालाएं लाने को मना करवा दिया था। इस पर भी कोई कार्यकर्ता ऐसा नही करे इसकी जांच के लिए खंडेलवाल समाज छात्रावास के मुख्य द्वार परविशेष जांच की व्यवस्था की हुई थी।
मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के टक्कर की भीड़
सिरोही में सचिन पायलट के आगमन पर पंडाल में उतनी भीड़ थी जितनी मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के सिरोही में आपका जिला आपकी सरकार कार्यक्रम के दौरान सभा मे थी। यहाँ 150 गुणा 220 वर्गफीट यानि करीब 33000 वर्गफीट के पांडाल थे जो पूरी तरह खचाखच भरा था। एक व्यक्ति को बैठने के लिए 2 वर्ग फ़ीट जगह मानी जाती है। तो इस हिसाब से सिर्फ दर्शकों के किये पांडाल में ही 16500 लोग थे।
इसके अलावा मंच के इर्दगिर्द, दर्शकों के पांडाल के आगे नेताओं की सीट, कार्यक्रम स्थल पर खड़े हुए लोगों समेत ये भीड़ कुल जमा 20000 से कम नही थी। भाजपा मुख्यमंत्री के आयोजन में सत्ता में रहकर जितने लोग इकट्ठे कर पाई उतने संयम लोढा ने विपक्षी पार्टी के हारे हुए नेता होने के बाद एकत्रित कर ली।
ये भीड़ वोट हो या न हो, लेकिन भाजपा और कांग्रेस में ही लोढा का विरोध करने वालों के सामने संयम लोढ़ा ने इतनी बड़ी लाइन खींच दी है कि खुद प्रशासन और शासन को लोढ़ा के मेनेजमेंट को मानने को मजबूर होना होगा। वहीं कांग्रेस में तो उनके विरोधी इस स्तर को पाने की सोच भी नही सकते।
पायलट को अबभी 150 रुपये किलो मिलती है मूंग की दाल
नेता भाषण देने के दौरान सूचनाओं से अपडेट नही हों तो किरकिरी संभावित है। पायलट भी उससे अछूते नहीं रहे। महंगाई की स्थिति को बताने के लिए पायलट ने कहा कि भाजपा शासन में आज भी मूंग की दाल 150 रुपये किलो है।
जबकि हकीकत ये है कि मूंग समेत सभी दालों को 100 रुपये से नीचे आये करीब 4 महीने हो गए हैं। शायद पायलट भाजपा की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की तरह परचूनी का सामान नही लाते हैं, वरना ऐसा गलती तो नही होती। या फिर पायलट को अब भी मूंग की दाल 150 रुपये किलो दी जाती है।
बड़े नेताओं का ये हाल तो छोटों से उम्मीद बेकार
माइक मिलने पर उसे नही छोड़ने की प्रवृत्ति नेताओं की एक और विशेषता होती है। कांग्रेस नेताओं की एक और खासियत होती है लोगों को पकाने की। इस मामले में छोटे तो छोटे बड़े नेताओं के भी हाल वही हैं। माइक पकड़ने के बाद जब तक सभी वक्ता मंच पर मौजूद सभी लोगों की नामावली नही गईं लेंगे तब तक जैसे इनका खाना नही पचता।
ये स्थित सिरोही में फिर देखने को मिली। एआईसीसी के सचिव विवेक बंसल तो नामावली रात कर पांडाल में मौजूद लोगों को पकाने में सारे रिकॉर्ड पार कर गए। 4 मिनट 28 सेकंड सिर्फ नाम ही बोले। वहीं गुमानसिंह देवड़ा को नाम नही याद आ रहे थे लेकिन माफी मांग मांग कर फिर कोई नया नाम बोल देते थे।
बंसल के नामावली गिनने से आजीज लोगों ने पानी पीने के लिए पांडाल से उठना तक शुरू कर दिया, लेकिन वो श्रोताओं के दर्द में भी मलहम ढूंढते रहे। जबकि सम्मानित मंच कहकर भी ये कार्य पूरा किया जा सकता था।