जयपुर। राजस्थान में पंचायत चुनाव में चुनाव लड़ने के लिए शैक्षणिक योग्यता तथा घर में शौचालय की अनिवार्यता का मामला फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है।
याचिकाकर्ताओं ने इस प्रावधान को गलत को बताते हुए सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि इस भ्रम को दूर किया जाए कि चुनाव लड़ना मौलिक अधिकार है या संवैधानिक अधिकार। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में राजस्थान सरकार और केन्द्र सरकार को नोटिस जारी किए हैं।
राजस्थान सरकार ने इस बार से पंचायत चुनाव लडने के लिए शैक्षणिक योग्यता और शौचालय की अनिवार्यता लागू कर दी थी। इस निर्णय के विरोध में पहले भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी।
लेकिन तब सुप्रीम कोर्ट ने यह मामला वापस हाईकोर्ट को भेज दिया था और हाईकोर्ट ने चुनाव प्रक्रिया हो जाने के कारण हस्तक्षेप से मना कर दिया था। अब फिर से एक विशेष अनुमति याचिका दायर की गई है।
इस याचिका में कहा गया है कि सरकार के निर्णय से बहुत बडी संख्या में लोग चुनाव लडने से वंचित हो गए है। चुनाव लडने के अधिकार के बारे में भी भ्रम की स्थिति है।
याचिका में मांग की गई है कि इस मामले को सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ द्वारा तय किया जाना चाहिए। कोर्ट ने याचिका स्वीकार करते हुए राजस्थान और केन्द्र सरकार को नोटिस जारी किए हैं।