नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र माेदी ने 1971 के बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम के दाैरान मानवाधिकारों के उल्लंघन के लिए पाकिस्तान की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि भारत का यह पश्चिमी पड़ोसी अभी भी हिंसा, आतंक और विध्वंस की नीति पर चल रहा है।
माेदी ने मुक्ति संग्राम के दौरान शहीद हुए सात भारतीय सैनिकों के परिजनों को बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना द्वारा सम्मानित किए जाने के यहां आयोजित एक समारोह में कहा कि दक्षिण एशिया में अभी भी एक दृष्टिकोण है जहां आतंक को सहेजने, प्रेरित और प्रोत्साहित करने का काम होता है। यह एक बड़ी चुनौती है।
हसीना ने किया सम्मान
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भारतीय सशस्त्र सैनिकों के लिए अपने देश की ओर से कृतज्ञता व्यक्त करते हुए उन सात भारतीय सैनिकों के परिजनों को सम्मानित किया, जो 1971 में बंगलादेश मुक्ति संग्राम में शहीद हो गए थे।
हसीना ने मॉनेकशा सेंटर में खचाखच भरे जोरावर हाल में कहा कि वह कुछ बहुत विशेष भारतीय मित्रों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने पर अत्यधिक सम्मानित महसूस कर रही हैं।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि 1971 के संग्राम में जीत उन लोगों की जीत का प्रतीक थी, जो मानवाधिकार और मानवीय मूल्यों में विश्वास करते थे।