रायपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले स्थित एक शैक्षणिक संस्थान पहुंचे। यहां उन्होंने विद्यालय के बच्चों के सवालों का जवाब दिया।
जावंगा स्थित एजुकेशन सिटी में आस्था विद्या मंदिर की हर्षिता ने सवाल पूछा कि आप प्रत्येक दिन 18 घंटे काम करने के बावजूद थकान क्यों महसूस नहीं करते? इसके जवाब में मोदी ने एक कहानी सुनाई।
प्रधानमंत्री ने कहा कि एक सात साल की बच्ची, तीन साल के भाई को गोद में लेकर पहाड़ चढ़ रही थी। यह देखकर पहाड़ पर रहने वाले स्वामी ने पूछा कि तुम थकती नहीं? बच्ची ने जवाब दिया ये मेरा भाई है। पीएम ने कहा कि जब अपनों के लिए काम करते हैं तो थकान नहीं होती। सवा सौ करोड़ देशवासी मेरे अपने हैं।‘
प्रधानमंत्री से एक बच्चे ने पूछा कि यदि वह राजनीति में नहीं होते तो क्या होते? इस सवाल पर मोदी ने कहा कि यदि ईश्वर उन्हें एक वरदान देता तो वे मांगते कि उन्हें जीवन भर बच्चा बने रहने दिया जाए क्योंकि बच्चे बने रहने में बहुत आनंद है।
मोदी ने बच्चों को नसीहत दी कि वे हर दिन अपना लक्ष्य न बदलें। उन्होंने कहा कि कभी कोई क्रिकेटर बनना चाहता है, कभी कोई एक्टर बनना चाहता है,कभी कोई कलेक्टर बनना चाहता है। अगर कुछ बनने का संकल्प है तो बनने के सपने मत देखो, करने के देखो।
एक बच्चे ने प्रधानमंत्री से पूछा कि वह तनाव कम करने के लिए क्या करते हैं? मोदी ने कहा कि मैं गिनता नहीं कि मैंने कितने घंटे काम किया? जब भी आप गिनने लगते हो कि आपने कितने घंटे काम किया, बस तभी से तनाव शुरू हो जाता है।
होमवर्क तभी तक बोझ लगता है, जब तक पूरा न हो, जैसे ही पूरा होता है थकान अपने आप खत्म हो जाती है। एक छात्र से पूछा कि किस घटना से प्रेरणा मिली? पीएम ने कहा कि ज्यादातर ऐसा होता है, जब खुद के अनुभव से ज्यादा दूसरों के अनुभव आपको निखारते हैं।