भोपाल। सिंहस्थ के दौरान उज्जैन में वैचारिक कुंभ का आयोजन किया गया है जो कि मानव कल्याण के लिए आधार स्तंभ सिद्ध होगा। इस वैचारिक कुंभ का उद्घाटन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत करेंगे तथा इसका समापन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा होगा।
12 से 14 मई तक चलने वाले इस वैचारिक कुंभ में ग्लोबल वार्मिंग, मूल्य आधारित जीवन के साथ विज्ञान एवं आध्यात्म, महिला सशक्तिकरण, स्वच्छता आदि विषयों पर मंथन किया जायेगा। इसके जो निष्कर्ष होंगे उन्हें स्वीकार करते हुए अमल में लाने का प्रयास मध्यप्रदेश सरकार अपने यहां करेगी।
उक्त बातें शुक्रवार को विधिवत पहले शाही स्नान से शुरू होकर लगभग 1 महीने तक चलने वाले सिंहस्थ को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहीं।
सिंहस्थ की पूर्व संध्या पर चौहान ने बताया कि सिंहस्थ संबंधित सभी जानकारियों को देखने के लिए सिंहस्थ पोर्टल बनाया गया है जो कि लेपटॉप, डेस्कटॉप और मोबाईल पर समान रूप से देखा जा सकता है। पोर्टल के माध्यम से लगभग एक लाख कर्मचारियों का मैनेजमेंट होगा।
सुचारू व्यवस्था के लिए मेला क्षेत्र में 1 हजार मैजिक तथा 400 मिनी बसों की व्यवस्था की गई है। 393 हेक्टेयर पर सेटेलाईट टॉउन बनाया गया है। उन्होंने कहा कि पोर्टल में प्रमुख लोगों के नंबर नक्शे के साथ जोड़ा गया हैं। इससे किसी भी सेक्टर में सेवा की कमी होने पर तुरंत आवश्यक व्यवस्था उपलब्ध कराई जाएगी।
पहले दिन शाही स्नान में यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या अन्य शाही स्नानों की तुलना में कम रहेगी। जबकि दूसरे शाही स्नान में 1 करोड़ तक की संख्या में जनता की यहां पहुंचने की संभावना है। उस दिन वीआईपी बनकर यहां कोई नहीं आएगा बल्कि साधारण इंसान के रूप में ही सिंहस्थ में भाग लिया जा सकेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे रोज रात 10 बजे अधिकारियों के साथ सिंहस्थ के कार्यों तथा व्यवस्था की समीक्षा करेंगे।
12 से 14 मई तक चलने वाले वैचारिक कुंभ के बारे में मुख्यमंत्री श्री सिंह ने विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि सिंहस्थ के दौरान होने वाले कई कार्यक्रमों के साथ उज्जैन के पास निनौरा गांव में वैचारिक कुंभ का आयोजन भी किया जा जाएगा, जिसमें देश-विदेश के कई विद्वान जुट रहे हैं।
उन्होंने बताया कि सिंहस्थ के दौरान उज्जैन में शराब की दुकानें पूर्णत: बंद रहेगी। इस संबंध में जब कालभैरव मंदिर के संबंध में पूछा गया तो उनका कहना था कि यह मंदिर हमारी परंपरा का हिस्सा है इसकी परंपरा के लिए जो भी जरूरी होगा किया जाएगा। जहां तक खर्चों की बात है इसे लेकर मुख्यमंत्री का कहना था कि सिंहस्थ में 3 हजार करोड़ तक के आसपास का खर्चा आएगा, यह संख्या कम-ज्यादा भी हो सकती है।
चौहान ने आगे बताया कि सिंहस्थ मेला क्षेत्र के लिए डिजिटल जीआईएस मैप तैयार किया गया है। यह पचास लेयर में है। एक क्लिक में पार्किंग स्लॉट, फ्लैग स्टेशन पर उपलब्ध सुविधाएं आदि का विवरण उपलब्ध हो सकेगा।
मुख्यमंत्री का यह भी कहना था कि आर्थिक लेन-देन की व्यवस्था के तहत यहां 100 से ज्यादा एटीएम स्थापित किए गए हैं साथ में कैशलेस डेबिट कार्ड जारी करने के अलावा अखाड़ों को बैंकों द्वारा पिक एण्ड ड्राप सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।