नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मेजर ध्यानचंद स्टेडिम से ‘रन फॉर रियो’ दौड़ को हरी झंडी दिखाई।
5 अगस्त से रियो डि जेनेरियो में शुरू होने वाले ओलंपिक में भारतीय दल का हौसला बढ़ाने के लिए इस दौड़ का आयोजन किया गया।
इस मौके पर एक आयोजित एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि मुझे पता है कि हमारे 119 खिलाड़ी, भारत की प्रतिष्ठा को बनाने के लिए सब कुछ झोंक देंगे। उनके पीछे पूरा देश खड़ा है। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने ‘इंडियाज ओलिंपिक जर्नी’ नामक बुकलेट लॉन्च की।
‘रन फॉर रियो’ करीब 40 हजार लोग शामिल हुए। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि ज्यादातर खेलों का मूल्यांकन सिर्फ जीत और हार में सिमट जाता है लेकिन, खेल का मूल्याकंन जीत और हार में नहीं समेटा जा सकता है।
उन्होंने आगे कहा कि खेल को खिलाड़ी जोड़ने के लिए तैयार होता है। पूरी ताकत से देश के सम्मान के लिए जूझता रहता है यहीं उसकी सबसे बड़ी कसौटी होती है। मुझे पूरा विश्वास है कि हमारे खिलाड़ी अपने खेल से दुनिया का दिल जीत लेंगे।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने एक-एक खिलाड़ी पर 30 लाख से लेकर 1.5 करोड़ रुपए तक खर्च किया है, खिलाड़ियों को उनकी पसंद का इंटरनेशनल ट्रेनर उपलब्ध कराया।
पहले हमारे खिलाड़ी दुनिया के किसी देश में जब खेलने के लिए जाते थे तो नियम था दो दिन पहले पहुंचने का। क्लाइमेट बदलता है, दो दिन में वह बेचारा वह वहां सेट ही नहीं हो सकता है। इस बार हमने 15 दिन पहले खिलाड़ियों को रियो पहुंचा दिया।
यह इसलिए किया कि वह वहां के महौल से अच्छी तरह से परिचित हो जाएंगे। वहां के मौसम से परिचित हो जाए। वह अपने आप को तैयार कर लें।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बार ओलंपिक में देश के 119 खिलाड़ी भाग ले रहे हैं लेकिन हम अगले ओलंपिक में देश के 200 खिलाड़ियों के भाग लेने का संकल्प आज लेते हैं। ओलिंपिक खत्म होने पर अखबारों में खूब आलोचना होती है, लेकिन बाद में यह ठंडा पड़ जाता है।
फिर अगले ओलिंपिक में पुरानी बातें याद आती हैं। हमने इस बार सरकार बनने के बाद यह देखा कि पिछले ओलिंपिक में क्या आलोचनाएं हुई थीं। उसका दो साल पहले अध्ययन किया गया। उन कमियों को दूर करने के लिए एक-एक कदम उठाया गया।