चंडीगढ़। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर के उद्योगपतियों की वर्षों पुरानी मांग को स्वीकार करते हुए ऐलान किया है कि विभिन्न समारोहों के दौरान सरकार द्वारा प्रदान किए जाने वाला पुरस्कार अब उद्योगपतियों की निजी संपत्ति होगी जिसका वह अपनी सुविधा के अनुसार इस्तेमाल कर सकेंगे।
देशभर में लंबे समय से उद्योगपतियों तथा कारपोरेट जगत के लोग इस बात की मांग करते आ रहे थे कि सरकार द्वारा उन्हें जो सम्मान चिन्ह दिए जाते हैं वह प्रचार आदि के लिए उसका इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लुधियाना में देशभर से आए हुए उद्योगपतियों को तोहफा देते हुए कहा कि अब सरकार द्वारा उन्हें जो स्मृति चिन्ह दिए जाएंगे उसे तथा उसपर अंकित सरकारी लोगो पूरी तरह से संबंधित उद्योगपति की ही संपत्ति मानी जाएगी।
अगर उद्योगपति चाहे तो वह स्मृति चिन्ह अथवा उसपर लगे हुए लोगो को अपने उद्योग के कर्मचारियों की वर्दी पर प्रकाशित करवा सकते हैं। यही नहीं मोदी ने कहा कि अगर उद्योगपति समाचार पत्रों व टीवी चैनलों पर कोई विज्ञापन देंते हैं तो वह उसमें भी इसका इस्तेमाल कर सकेंगे।
प्रधानमंत्री ने बताया कि उद्योग मंत्रालय की इस योजना पर सरकार ने फैसला ले लिया है, जल्द ही इसे अमली रूप दे दिया जाएगा।
तेजी से बढ़ रही है भारत की अर्थव्यवस्था
इस मौके पर मोदी ने कहा कि विश्व के अन्य देशों के मुकाबले भारत की अर्थव्यवस्था भी तेजी से आगे बढ़ रही है। इसमें देश के लघु एवं मध्यम उद्योगों का विशेष योगदान है।
प्रधानमंत्री मंगलवार को लुधियाना में एमएसएमई मंत्रालय द्वारा आयोजित उद्योगपतियों के राष्ट्रीय सम्मान समारोह का उदघाटन करने के बाद देश के विभिन्न राज्यों से आए हुए उद्योगपतियों को संबोधित कर रहे थे।
इस कार्यक्रम के दौरान देशभर के 232 उद्यमियों को सम्मानित किया गया। जिनमें पांच उद्यमी पंजाब के भी थे। इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विभिन्न राज्यों के 27 उद्यमियों को सम्मानित किया।
उन्होंने कहा कि आज भारत आज इस श्रेणी में पहुंच गया है कि विश्व की आर्थिकता को बल दे सके। मोदी ने कहा कि आर्थिक जीवन में बदलाव के लिए सूक्षम उद्योगों को बढ़ावा दिया जाना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि देश जब आर्थिक रूप से मंदी की तरफ जा रहा था तो लघु उद्योगों ने ही देश की विकास दर को स्थिर रखा है।