नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल में संशोधन को लेकर हुए किगाली समझौते को एक ऐतिहासिक अवसर बताया है और कहा है कि इससे हमारे ग्रह पर एक स्थायी अनुकुल प्रभाव पड़ेगा।
विश्व के सभी देशों को बधाई देते हुए अपने ट्वीटर संदेश में उन्होंने कहा कि इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर एक साथ आकर हमने पृथ्वी को हराभरा बनाने में अपना योगदान दिया है।
समझौते को पेरिस में निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायक बताते हुए उन्होंने कहा कि इससे सदी के अंत तक वैश्विक तौर पर तापमान में 0.5 डिग्री की कमी करने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि भारत के साथ-साथ अन्य देशों द्वारा दिखाए गए लचीलापन और सहयोग के रवैये से यह निष्पक्ष, न्यायोचित और महत्वाकांक्षी एचएफसी समझौता हो पाया है।
उन्होंने कहा कि यह समझौता प्रौद्योगिकियों के उपयोग और विकास के लिए भारत जैसे देशों को एक तंत्र प्रदान करेगा ताकि कम कार्बन पदचिह्न छोड़े जाएं।
उल्लेखनीय है कि जलवायु परिवर्तन पर नियंत्रण पाने को लेकर शनिवार को भारत समेत दुनिया के 170 से अधिक देश हाइड्रोफ्लूरोकार्बन (एचएफसी) गैसों के उत्सर्जन को चरणबद्ध तरीके से कम करने पर रवांडा के किगाली शहर में आयोजित सभा में सहमत हो गए हैं।